कई PM हुए लेकिन नेहरू… मेमोरियल का नाम बदले जाने पर शशि थरूर

नई दिल्ली: दिल्ली के नेहरू मेमोरियल संग्रहालय के नाम से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम हटाकर इसे पीएम मेमोरियल या प्रधानमंत्री संग्रहालय कर दिया गया है. नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की बैठक में ये फैसला लिया गया जिसपर कांग्रेस काफी नाराज़ नज़र आ रही है. नाम बदले जाने के […]

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कई PM हुए लेकिन नेहरू… मेमोरियल का नाम बदले जाने पर शशि थरूर

Riya Kumari

  • June 16, 2023 10:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: दिल्ली के नेहरू मेमोरियल संग्रहालय के नाम से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम हटाकर इसे पीएम मेमोरियल या प्रधानमंत्री संग्रहालय कर दिया गया है. नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की बैठक में ये फैसला लिया गया जिसपर कांग्रेस काफी नाराज़ नज़र आ रही है. नाम बदले जाने के बाद एक-एक कर कांग्रेस के दिग्गज नेता केंद्र सरकार को घेरते नज़र आ रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद शशि थरूर का भी बयान सामान आया है जिन्होंने इस फैसले में समझौते की भावना को गायब बताया है.

 

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी करने पर कांग्रेस सांसद ने कहा, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय मूल नाम है, लेकिन अब आप(केंद्र सरकार) इसे सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय में बदल रहे हैं. यह ठीक है लेकिन आप अभी भी नेहरू मेमोरियल नाम रख सकते हैं क्योंकि वह पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री थे. वह आगे कहते हैं कि हम अतीत की बातों को अतीत में क्यों नहीं छोड़ सकते हैं. जो हुआ है उसे स्वीकार कर आगे बढ़ते हैं. कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि आज समझौते की भावना गायब लगती है, जहां सब चीज़ों को बस गिराने की बात की जाती है.

क्या बोले खरगे?

 

शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने को लेकर ट्वीट किया. इस ट्वीट में खरगे ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा, जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता।

मल्लिकार्जुन खरगे आगे लिखते हैं, इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है. मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती !

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