मुंबई: एनसीपी के दोनों गुटों के बीच पार्टी पर कब्जे की लड़ाई जारी है. मामला अभी चुनाव आयोग के पास है. इस बीच शुक्रवार (6 अक्टूबर) को चुनाव आयोग में इस मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान एनसीपी संस्थापक शरद पवार मौजूद रहे. वहीं अजित गुट की ओर से उनके वकील एनके कौल और मनिंदर सिंह चुनाव आयोग के सामने पेश हुए.
सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ?
- मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के सामने शरद पवार गुट की ओर से उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा. सिंघवी ने चुनाव आयोग ने कहा कि अजित पवार के दावे सही नहीं है. उन्होंने फर्जी और गलत दस्तावेज दिए हैं. इसे सही नहीं माना जा सकता है.
- सिंघवी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग एक प्रारंभिक मुद्दे के रूप में यह तय करने के लिए पूरी तरह बाध्य है कि कोई विवाद है भी या नहीं. उन्होंने कहा कि आपका (निर्वाचन आयोग) अधिकार क्षेत्र इस पर निर्भर करता है कि यहां कोई विवाद है या नहीं. सुनवाई के दौरान शरद पवार के साथ मौजूद एनसीपी नेता जितेंग्र अव्हाड ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि जिस व्यक्ति ने उन लोगों को पाला-पोसा है और उनका विकास किया है. आज उन्हें ही ऐसी चीजों का सामना करना पड़ रहा है.
- वहीं, अजित पवार खेमे के ओर से चुनाव आयोग के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ वकील एनके कौल और मनिंदर सिंह ने कहा कि हमें महाराष्ट्र में एनसीपी के 53 में से 42 विधायक, नौ में से 6 विधान परिषद के सदस्य, नागालैंड विधानसभा के सभी 7 विधायक, एक लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद का समर्थन प्राप्त है.
- अजित गुट ने आगे कहा कि इन परिस्थितियों में उसे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की संगठनात्मक इकाई के साथ ही विधायी इकाई का भारी समर्थन प्राप्त है. इसलिए चुनाव आयोग को उसके गुट को असली पार्टी की मान्यता देनी चाहिए. बता दें कि अब चुनाव आयोग एनसीपी के नाम और निशान को लेकर अगली सुनवाई 9 अक्बूर को करेगा.
यह भी पढ़ें-
Maharastra: शिंदे की बगावत के दौरान 51 NCP विधायकों ने शरद पवार से किया था ये अनुरोध, प्रफुल्ल पटेल का बड़ा खुलासा