नई दिल्ली. देश में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण Corona virus को रोकने के लिए केन्द्र सरकार खासा चिंतित है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी करते हुए सलाह दी है कि महामारी से निपटने के लिए पूरी रुपरेखा तैयार कर लें। केंद्र के अनुसार सभी राज्यों को […]
नई दिल्ली. देश में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण Corona virus को रोकने के लिए केन्द्र सरकार खासा चिंतित है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी करते हुए सलाह दी है कि महामारी से निपटने के लिए पूरी रुपरेखा तैयार कर लें। केंद्र के अनुसार सभी राज्यों को अस्थायी अस्पताल स्थापित करने और होम आइसोलेशन में मरीजों की निगरानी के लिए विशेष टीमों का गठन करना चाहिए। ताकि आपात स्थिति में हल्के या सामान्य लक्षण वाले कोरोना मरीजों का उपचार वहां संभव हो सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएं। इसके लिए वे डीआरडीओ, सीएसआईआर के साथ निगमों और निजी संगठनों की मदद ले सकते हैं। किसी भी आपात स्थिति में हालत न बिगड़े इसके लिए राज्यों को एम्बुलेंस और कॉल सेंटर की व्यवस्था चाक-चौबंद रखनी होगी। ताकि लोगों को फोन के जरिए इलाज मुहैया हो सके। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों और बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने का भी निर्देश दिया गया है।
देश में 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के किशोरों का वैक्सीनेशन शुरु होने जा रहा है। भूषण ने बच्चों के अभिभावकों और परिवार के सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि वे बच्चों का टीकाकरण करवाने के लिए पंजीकरण अवश्य कराएं। देश का भविष्य तभी सुरक्षित रहेगा जब बच्चे सुरक्षित रहेंगे।
केंद्र सरकार ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को रैपिड टेस्ट बढ़ाने और आवश्यक दवाओं एवं आक्सीजन का पर्याप्त भंडारण भी सुनिश्चित करने को कहा है। केन्द्र के अनुसार देश के पास प्रतिदिन 20 लाख से अधिक टेस्ट करने की क्षमता है लेकिन मौजूदा समय में राज्यों को इसे और बढ़ाने की आवश्यक्ता है। प्रशासन की ओर से गली-मुहल्लों में कैंप लगवाकर भी रैपिड टेस्ट किए जा सकते हैं। इसके अलावा राज्या सरकारों को जरूरत के हिसाब से सख्त पाबंदियां लगाने की सलाह भी दी गई है।