अहमदाबाद: आज यानी गुरुवार (20 अप्रैल, 2023) को अहमदाबाद की एक विशेष कोर्ट ने गुजरात के नरोदा गाम केस में फैसला सुना दिया है. स्पेशल कोर्ट ने माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. बता दें, 21 साल पहले यानी 2002 में हुए दंगों में 11 लोगों की जान चली […]
अहमदाबाद: आज यानी गुरुवार (20 अप्रैल, 2023) को अहमदाबाद की एक विशेष कोर्ट ने गुजरात के नरोदा गाम केस में फैसला सुना दिया है. स्पेशल कोर्ट ने माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. बता दें, 21 साल पहले यानी 2002 में हुए दंगों में 11 लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में भाजपा की पूर्व विधायक और गुजरात सरकार की मंत्री माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत 86 लोगों को आरोपी बनाया गया था. अब इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
2002 Gujarat riots | All accused acquitted in Naroda Gam massacre case pic.twitter.com/vwk4qryz29
— ANI (@ANI) April 20, 2023
SIT मामलों के विशेष जज एस के बख्शी की अदालत ने गुजरात के नरोदा गांव (गाम) दंगों मामले में ये फैसला सुनाया है. जहां 68 आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है. बता दें इन दंगों में पुलिस ने जांच के आधार पर गुजरात की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी व बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को गिरफ्तार किया था. इनके अलावा 86 लोग आरोपी थे जिसमें से 18 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी थी.
गौरतलब है कि साल 2002 में गोधरा में चलती ट्रेन में आग लगा दी गई थी जिस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई थी. गोधरा कांड के विरोध में अगले दिन अहमदाबाद के नरोदा गाम में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी. आईपीसी की धारा 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश, 143 , 147 दंगे, 148, 129 B, 153 के तहत नरोदा गांव नरसंहार के मामले में आरोपियों पर केस दर्ज था.
पूर्व मंत्री माया कोडनानी पर आरोप था कि गोधरा कांड से गुस्साए हजारों लोगों की भीड़ को उन्होंने नरोदा गाम में मुसलमानों की हत्या के लिए उकसाया था. बता दें, 32 अन्य लोगों को भी मामले की अदालती कार्यवाही 2009 में शुरू हुई थी जिसमें अब तक 327 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. साल 2012 में SIT की विशेष अदालत ने माया कोड़मानी और बाबू बजरंगी को दोषी पाया था। दोनों को हत्या और षडयंत्र रचने का दोषी ठहराया गया था. लेकिन इस दोषसिद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. 2017 में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और पिछेल 13 साल से इस मामले में सुनवाई चल रही थी. माया कोडनानी की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोर्ट में गवाही दी थी।