शिलांग: पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में चुनावी नतीजे सामने आ चुके हैं और अब सरकार बनाने की कवायद जारी है. मेघालय विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया जिसमें नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण और अध्यक्ष का चुनाव करवाया गया. अब यह स्पष्ट हो गया है कि मेघालय में UDP की मदद से NPP+ BJP गठबंधन […]
शिलांग: पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में चुनावी नतीजे सामने आ चुके हैं और अब सरकार बनाने की कवायद जारी है. मेघालय विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया जिसमें नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण और अध्यक्ष का चुनाव करवाया गया. अब यह स्पष्ट हो गया है कि मेघालय में UDP की मदद से NPP+ BJP गठबंधन की सरकार बनने जा रही है.
Shillong, Meghalaya | United Democratic Party (UDP) and People's Democratic Front (PDF) extend their support to NPP to form the government in the state. pic.twitter.com/bki8HkctlL
— ANI (@ANI) March 5, 2023
दरअसल NPP+ BJP गठबंधन को यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ने अपना औपचारिक समर्थन दे दिया है. राज्य की मौजूदा स्थिति की बात करें तो सभी एनपीपी और बीजेपी सदस्यों को मिलाकर 45 विधायक ऐसे हैं जो कोनराड संगमा की सरकार का समर्थन करते हैं. गौरतलब है कि चुनाव जीतने वाले हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो विधायकों ने भी एनपीपी-बीजेपी गठबंधन को अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर अपना समर्थन दे दिया है.
गुरुवार को मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं जिसमें किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. हालांकि, मौजूदा सत्ताधारी पार्टी एनपीपी 26 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी को 59 में से 26 सीटों पर जीत मिली है. वहीं, यूडीपी राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी ने 11 सीटों पर जीत दर्ज़ की है. वहीं, ममता बनर्जी की TMC ने भले ही राज्य में 5 सीटें जीती हों लेकिन वह भी काफी हद तक कामयाब रही क्योंकि बीजेपी को केवल 2 सीटें ही मिली हैं. वॉइस ऑफ पीपुल्स पार्टी इसी चुनाव में उतरी थी जिसे चार सीटें मिलीं. वहीं, HSPDP और पीडीएफ 2-2 सीटों पर अपना कब्ज़ा जमा पाईं और दो अन्य सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी.
बता दें, सोमवार को राज्य के 59 सदस्यों वाले नए सदन की पहली बैठक होगी। प्रोटेम स्पीकर विधायकों को पद की शपथ दिलाएंगे और स्पीकर, आयुक्त और विधानसभा के सचिव एंड्रयू सिमंस का चुनाव नौ मार्च को फिर से सदन की बैठक में होगा.
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद