लखनऊ. Mulayam singh yadav last wish : सपा संरक्षक एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव दुनिया को अलविदा कह गए हैं. उन्होने गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में अपनी आखिरी सांसे ली. नेताजी के अंतिम दिनों में उनके साथ अखिलेश यादव, भाई शिवपाल यादव और उनका परिवार उनके साथ था. अगर बाहर से देखें तो मुलायम सिंह यादव के अंतिम दिनों में उनके साथ उनका पूरा परिवार था, लेकिन असल में वो बहुत अकेले थे. पत्नी साधना गुप्ता के निधन के बाद से ही उनकी तबियत खराब रहने लगी थी. जब से साधन गुप्ता का निधन हुआ तब से नेताजी अस्पताल में भी भर्ती थे. नेताजी चाहते थे कि अखिलेश यादव साधना गुप्ता को अपनाएं, पर अफ़सोस ये हो न सका.
बाप और बेटे की लड़ाई साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जग जाहिर हो गई थी, नेता जी ने अखिलेश की मां को उपेक्षित कर मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता से दूसरी शादी की थी. इसी के बाद से यादव परिवार में लंबी कलह की शुरुआत हुई, जिसमें असंतुष्टों को खुश करने की भरपूर कोशिश की गई. कहा जाता है कि अखिलेश यादव को सौतेला व्यवहार अपनी नई मां से नहीं, ख़ुद अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मिला. चौबीसों घंटे राजनीति में रमे रहने के कारण उनके पास इतना भी वक्त नहीं था कि अपने बेटे का नामकरण कर पाते, अखिलेश यादव ने अपना नाम खुद ही रखा था.
मुलायम सिंह यादव ने जब साधना गुप्ता को पत्नी का दर्जा दिया, तब से ही अखिलेश उनसे नाराज़ रहने लगे थे. मुलायम सिंह यादव चाहते थे कि अखिलेश यादव साधना गुप्ता को माँ मानें.
अखिलेश यादव की मां का नाम मालती देवी था, जब उनका निधन हुआ तो नेता जी ने साधना गुप्ता के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था. कहा जाता है कि पिता के इस फैसले से अखिलेश यादव बहुत नाराज़ थे, इसके बाद से अक्सर इस तरह की बातें सामने आती रहीं कि अखिलेश और साधना गुप्ता के बीच संबंध कभी ठीक नहीं रहे.
नेता जी चाहते थे कि साधना गुप्ता और अखिलेश यादव के रिश्ते सुधरें, साधना गुप्ता ने भी कहा था कि वो हर हफ्ते अखिलेश का कमरा साफ़ करवाती थी, और फिर उसे बंद कर देती थी. वो आस लगाए रखती थी कि अखिलेश एक दिन आएंगे, ऐसे में अखिलेश का ये कमरा बंद ही रहा. रिपोर्ट्स की मानें तो एक बार इस संबंध में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव से बात भी की थी. उन्होंने अखिलेश को पीएम मोदी का उदाहरण देते हुए समझाया था कि, “देखो मोदी जी को अपनी माँ की कितनी इज़्ज़त करते हैं, कितना मानते हैं.” दरअसल, उस समय प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी अपनी माँ से मिलने गुजरात पहुंचे थे. इसी का उदारहण देकर नेता जी ने अखिलेश को समझाया था. नेता जी के मन में यही मलाल था कि वो कभी अखिलेश यादव और साधना गुप्ता को मिला नहीं पाए.
मेदांता अस्पताल: 93 दिन पहले जिस अस्पताल में पत्नी का हुआ निधन, नेताजी ने भी वहीं ली आखिरी सांस
Mulayam Singh Yadav Death: मुलायम सिंह यादव के निधन पर अशोक गहलोत ने जताया शोक
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