भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार (17 नवंबर) को वोट डाले गए. सभी 230 विधानसभा सीटों पर रिकॉर्ड 76.55 फीसदी मतदान हुआ. इस बार वोटिंग में पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए. बंपर वोटिंग से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही खेमे में काफी खुश नजर आ रहे हैं. दोनों ही दलों […]
भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार (17 नवंबर) को वोट डाले गए. सभी 230 विधानसभा सीटों पर रिकॉर्ड 76.55 फीसदी मतदान हुआ. इस बार वोटिंग में पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए. बंपर वोटिंग से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही खेमे में काफी खुश नजर आ रहे हैं. दोनों ही दलों के नेता अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. बता दें कि बीते 4 दशक से राज्य में मतदान का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है.
पिछले रिकॉर्ड को देखें तो 2018 के विधानसभा चुनाव में 75.63 प्रतिशत मतदान हुआ था और तब राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी थी. हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के साथ खेमा बदलने के बाद भाजपा सत्ता में आ गई थी.
मध्य प्रदेश में इस बार पिछले विधानसभा चुनाव से एक फीसदी अधिक मतदान हुआ है. 2018 के चुनाव में राज्य के इतिहास में सबसे अधिक 75.61 फीसदी मतदान हुआ था. चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 114 सीटें मिली थीं. वहीं, बीजेपी को 109 और 12 सीटें अन्य के खाते में आईं थीं. आपको बता दें कि इस बार मतदान में महिलाओं ने काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, जिसकी वजह सत्ताधारी पार्टी बीजेपी खासी उत्साहित है.
मालूम हो कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने चुनाव से ऐन पहले लाड़ली बहना योजना के जरिए महिला वोटर्स को लुभाने के लिए बड़ा दांव खेला था. इस योजना की शुरूआत में महिलाओं को पहले प्रति माह 1 हजार रुपये दिए जाते थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया. सीएम शिवराज ने कहा कि अगर बीजेपी फिर से सत्ता में आती है तो इसे 3 हजार कर दिया जाएगा.
पिछले चार दशकों के रिकॉर्ड को देखें तो 1985 के विधानसभा चुनाव में 49.79 प्रतिशत मतदान हुआ था. उस वक्त राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी. इसके बाद 1990 में 54.21 प्रतिशत मतदान हुआ और भाजपा की सरकार बनी. इसके बाद 1993 में 60.17 फीसदी मतदान हुआ और कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई. फिर 1998 के चुनाव में 60.21 फीसदी मतदान हुआ. इस बार भी कांग्रेस सत्ता में आई.
इसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दो अलग-अलग राज्य बन गए. फिर 2003 के विधानसभा चुनाव में 67.25 फीसदी मतदान हुआ. इस चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिली. फिर 2008 में 69.78 प्रतिशत वोटिंग हुई, इस बार भी बीजेपी सत्ता में आई. फिर 2013 के विधानसभा चुनाव में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ. भाजपा ने फिर से बड़ी जीत दर्ज की.
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