Monsoon session of Parliament: 17 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, इन मुद्दों पर होगा हंगामा

नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होने की संभावना है. जानकारी के अनुसार ये सत्र 10 अगस्त तक चल सकता है जहां इस बार भी संसद में बड़े मुद्दों को लेकर हंगामा होना तय है. जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली CCPA की बैठक होनी है जिसमें सत्र […]

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Monsoon session of Parliament: 17 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, इन मुद्दों पर होगा हंगामा

Riya Kumari

  • June 28, 2023 2:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होने की संभावना है. जानकारी के अनुसार ये सत्र 10 अगस्त तक चल सकता है जहां इस बार भी संसद में बड़े मुद्दों को लेकर हंगामा होना तय है. जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली CCPA की बैठक होनी है जिसमें सत्र की तारीख पर मुहर लगाई जाएगी. इस बार का संसद सत्र काफी हंगामेदार होने जा रहा है क्योंकि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के खिलाफ अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में अध्यादेश की जगह लेने वाले बिल को पेश करेगी.

इन मुद्दों पर सबकी नज़र

इस अध्यादेश के ख़िलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पूरे देश में घूम घूम कर विपक्षी पार्टियों से समर्थन की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में संसद के इस सत्र में अध्यादेश पर चर्चा तो होनी ही है साथ ही साथ कॉमन सिविल कोड को लेकर भी विपक्ष हंगामा कर सकता है. इस बार का संसद सत्र नए संसद भवन के नज़रिए से भी खास होने जा रहा है जिसे फिलहाल फिनिशिंग देने का काम चल रहा है. बता दें, 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था जिस पर भी खूब बवाल हुआ था. हालांकि अब तक नए संसद भवन में मानसून सत्र आयोजित करने को लेकर कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

नए संसद भवन में शुरू होगा सत्र?

केंद्र सरकार की ओर से इस बार के मानसून सत्र में दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर लाए गए अध्यादेश का मुद्दा जरूर उठाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए केंद्र सरकार ये अध्यादेश लेकर आई है. मानसून सत्र में इस अध्यादेश की जगह लेने वाले बिल को जब पेश किया जाएगा तब चर्चा होगी जिसमें केंद्र द्वारा राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने की बात कही गई है. वहीं दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने इस अध्यादेश को गैरकानूनी, गैर संवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए दूसरी पार्टियों का समर्थन मांगना शुरू कर दिया है. उन्हें अधिकांश पार्टियों का समर्थन मिल भी गया है लेकिन कांग्रेस ने अब तक इस पर अपना रुख साफ़ नहीं किया है.

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