नई दिल्ली: देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर इस समय हिंसा की आग में जल रहा है. जिसे न तो राज्य सरकार रोक पाई है और ना ही केंद्र सरकार. इस बीच संसद में भी जमकर बवाल देखने को मिल रहा है. 3 मई से मणिपुर में जारी हिंसा का असर संसद के मानसून सत्र पर […]
नई दिल्ली: देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर इस समय हिंसा की आग में जल रहा है. जिसे न तो राज्य सरकार रोक पाई है और ना ही केंद्र सरकार. इस बीच संसद में भी जमकर बवाल देखने को मिल रहा है. 3 मई से मणिपुर में जारी हिंसा का असर संसद के मानसून सत्र पर भी देखने को मिल रहा है. विपक्ष बुधवार (26 जुलाई) को संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला चुका है जिसपर चर्चा की तारीख आनी बाकी है.
#WATCH | NDA MPs chant "Modi, Modi" in Rajya Sabha as EAM Dr S Jaishankar makes a statement on the latest developments in India's Foreign Policy. To counter this, INDIA alliance MPs chant "INDIA, INDIA." pic.twitter.com/REJgfm50h2
— ANI (@ANI) July 27, 2023
गौरतलब है कि 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया था जो आज भी जारी है. इस बीच राज्यसभा में मोदी-मोदी और INDIA-INDIA के नारे सुनाई दिए. दरअसल जब विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भारत की विदेश नीति में नवीनतम विकास पर बयान दे रहे थे तो NDA सांसदों ने राज्यसभा में “मोदी, मोदी” के नारे लगाने शुरू कर दिए. NDA की इस नारेबाजी का मुकाबला करने के लिए, INDIA गठबंधन के सांसद “INDIA, INDIA” का जाप करना शुरू कर दिया. इस दौरान संसद में खूब हंगामा देखा गया. हालांकि इस हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
गौरतलब है कि इस समय संसद का भी मानसून सत्र जारी है. इस सत्र के दौरान मणिपुर मामले को लेकर लगातार हंगामा देखा जा रहा है. विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष तक इस मुद्दे पर चर्चा की बात कह चुके हैं लेकिन अब तक मणिपुर मुद्दे को लेकर सदन में चर्चा नहीं हो पाई है. वहीं विपक्ष महागठबंधन INDIA की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इस प्रस्ताव को लाने के पीछे मणिपुर माले को लेकर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जवाबदेही चाहता है. दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से साफ़ कर दिया गया है कि वह सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष मणिपुर जैसे मामले को लेकर ज़्यादा गंभीर नहीं है और राजनीति कर रहा है. ऐसे में संसद के मानसून सत्र का अधिकांश समय आरोपों प्रत्यारोपों और हंगामे की भेंट चढ़ता दिखाई दे रहा है.