इम्फाल/नई दिल्ली। मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर देश के करीब 500 सामाजिक-राजनीतिक बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने पीएम से इस मामले पर चुप्पी तोड़ने और शांति-व्यवस्था बनाने के लिए ठोस पहल करने की मांग की है. पत्र में बुद्धिजीवियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की स्थिति पर चुप्पी तोड़ें, इसके साथ ही इसकी जिम्मेदारी भी लें.
पत्र में लिखा गया है कि ये अत्यंत दुख की बात है कि अफवाहों का रणनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है, इससे दो समुदायों के बीच हिंसा बढ़ रही है. खबरों के मुताबिक, बहुसंख्यक मेइतेई समुदाय के लोगों ने ऐसे फेक न्यूज फैलाई कि कूकियों ने मेइतेई महिलाओं का बलात्कार किया. ऐसा बी सुनने में आया है कि उन्मादियों से भरी भीड़ ने बलात्कार करो, प्रताड़ित करों के नारे भी लगाएं हैं. बुद्धजीवियों ने कहा कि इन सभी बातों की जांच होनी बहुत जरूरी है. हमारी मांग कि मणिपुर में जारी इस तांडव को तुरंत रोका जाए.
– अदालत की निगरानी में सभी तथ्यों की जांच के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए.
– मणिपुर सरकार राज्य में समुदायों के बीच बंटवारा करने वाले घावों को ठीक करने की कोशिश करे.
– हिंसा के सभी मामलों की जांच के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित हों
– राज्य के जो भी लोग हिंसा की वजह से पलायन के लिए मजबूर हुए हैं उनकी सुरक्षित वापस लाया जाए.
– हिंसा में घायल होने वालों लोगों को आर्थिक मदद दी जाए. साथ ही उनके घर, अनाज, पशुधन आदि के नुकसान का मुआवजा दिया जाना चाहिए.
मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, अब इंफाल में केंद्रीय मंत्री के घर पर भीड़ ने किया हमला
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