दूसरी बार त्रिपुरा के CM बने Manik Saha, सर्वसम्मति से चुने गए विधायक दल के नेता

अगरतला: त्रिपुरा में एक बार फिर माणिक साहा की सरकार बन गई है. जी हां! साहा को इस बार भी भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है और दूसरी बार वह त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. उन्हें सर्वसम्मति से विधायकों का नेता चुना गया है. आठ मार्च को साहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

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दूसरी बार त्रिपुरा के CM बने Manik Saha, सर्वसम्मति से चुने गए विधायक दल के नेता

Riya Kumari

  • March 6, 2023 8:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

अगरतला: त्रिपुरा में एक बार फिर माणिक साहा की सरकार बन गई है. जी हां! साहा को इस बार भी भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है और दूसरी बार वह त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. उन्हें सर्वसम्मति से विधायकों का नेता चुना गया है. आठ मार्च को साहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में शपथ लेने जा रहे हैं.

8 मार्च को लेंगे शपथ

गौरतलब है कि भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटों पर जीत हासिल की है. 16 फरवरी को त्रिपुरा में चुनाव करवाए गए थे जिसके परिणाम 2 मार्च को सामने आए थे. इस दौरान राज्य में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनती नज़र आई. अब सोमवार(6 मार्च) को भाजपा ने सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया है.

राज्य में यहां 81.1 फीसदी मतदान किया गया था. 60 सीटों पर चुनाव करवाया गया था जिनके लिए कुल 259 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी. इन चुनावों में भाजपा और IPFT ने एक साथ चुनाव लड़ा. भाजपा की ओर से 55 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे वहीं सहयोगी पार्टी ने कुल 5 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

त्रिपुरा में बीजेपी को दूसरी बार स्पष्ट बहुमत

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी बार स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। गुरुवार को हुई मतगणना में पार्टी को 60 में से 32 सीटें मिली हैं।

लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन चुनाव परिणाम में दूसरे नंबर पर रहा, जिसने 14 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, नई नवेली टिपरा मोथा पार्टी को 11 सीटें मिली हैं। भाजपा की सहयोगी पार्टी इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने एक सीट पर विजय प्राप्त की है।

त्रिपुरा जीत पर क्या बोले PM?

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में त्रिपुरा राज्य का खास ज़िक्र करते हुए कहा कि पहले त्रिपुरा में हाल ये था कि एक पार्टी के अलावा दूसरी पार्टी का झंडा तक नहीं दिखता था. अगर किसी ने लगाने की कोशिश की तो उसे लहूलुहान कर दिया जाता था. इस बार इन चुनावों में बड़ा परिवर्तन देखा गया. अब हम नई दिशा पर चलने वाला पूर्वोत्तर देख रहे है.

 

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