नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद विपक्ष रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग कर रहा है. तीन ट्रेनों की टक्कर में 275 लोगों की मौत और 1100 से अधिक यात्रियों के घायल होने के मामले को लेकर केंद्र सरकार बुरी तरह घिरी हुई है. पश्चिम बंगाल की […]
नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद विपक्ष रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग कर रहा है. तीन ट्रेनों की टक्कर में 275 लोगों की मौत और 1100 से अधिक यात्रियों के घायल होने के मामले को लेकर केंद्र सरकार बुरी तरह घिरी हुई है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार से लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रेल मंत्री का इस्तीफा लेने की बात कह चुके हैं.
इस बीच आइए एक नजर डालते हैं मोदी सरकार के आने से पहले रहे तीन चर्चित रेल मंत्रियों- ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और लालू यादव के कार्यकाल में कितने ट्रेन हादसे हुए थे और किस रेल मंत्री ने दुर्घटना के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
पश्चिम बंगाल की वर्तमान सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी साल 1999 में अटल बिहारी वायपेयी सरकार में पहली बार रेल मंत्री बनीं थीं, इसके बाद 2009 में यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें दोबारा रेल मंत्रालय संभालने का मौका मिला. ममता बनर्जी के दोनों ही कार्यकालों में कुल 54 रेल दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1451 लोगों ने अपनी जान गंवाई. इसके साथ ही ममता के रेल मंत्री रहते हुए ट्रेन के पटरी से उतरने की 839 घटनाएं हुईं थीं.
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एनडीए की अटल सरकार में रेल मंत्री बने थे. एनडीए सरकार में दो बार रेल मंत्री रहे. नीतीश के बतौर रेल मंत्री पहले कार्यकाल में गैसल में बड़ा ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें 285 यात्रियों की मौत हो गई थी. इसके बाद नीतीश कुमार ने हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में 2001 में फिर उन्हें रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली. इसके बाद नीतीश 2004 तक इस पद पर रहे. उनके कार्यकाल के दौरान कुल 79 रेल हादसे हुए, जिसमें 1527 यात्रियों की मौत हुई. वहीं, नीतीश के रेल मंत्री रहते हुए 1000 ट्रेन डिरेलमेंट की घटनाएं हुईं. बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री के बाद नीतीश कुमार रेल हादसे के बाद इस्तीफा देने वाले दूसरे मंत्री थे.
राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री बने थे. उन्होंने 2004 से 2009 तक पूरे 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. ममता और नीतीश के कार्यकाल की तुलना में लालू यादव के कार्यकाल में कम रेल हादसे हुए. लालू के रेल मंत्री रहते हुए कुल 51 हादसे हुए, जिसमें 1159 लोगों ने अपनी जान गंवाईं. इसके साथ ही उनके कार्यकाल के दौरान ट्रेन डिरेल की 550 घटनाएं हुईं.