मुंबई। महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना की आपसी लड़ाई अब देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गई है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के गुट और सीएम उद्धव ठाकरे के गुट ने शिवसेना पार्टी पर अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटाखटाया है। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि शिंदे गुट ने सर्वोच्च अदालत में एक और याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे की शिवसेना से जान का खतरा बताया है।
असम के गुवाहाटी में मौजूद शिंदे समर्थक विधायकों ने अपने वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में अपनी जान को खतरा बताया है। बागी विधायकों ने इस याचिका ने शिवसेना नेता संजय राउत की धमकी का भी जिक्र किया है। बागियों का कहना है कि मुंबई जाने पर उद्धव समर्थक उनके ऊपर हमला कर सकते है। बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना नेता संजय राउत ने बागी विधायकों को धमकी भरे अंदाज में कहा था कि उनको मुंबई में आकर हमारा सामना करना होगा
असम के गुवाहाटी में डेरा जमाए शिवसेना के बागी विधायक महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मंव शामिल हो सकते हैं। मनसे उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी है। बागी विधायकों के राज की पार्टी में शामिल होने के पीछे का कारण ये है कि शिंदे गुट के पास दो तिहाई यानी 37 से अधिक विधायकों का समर्थन जरूर है लेकिन उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में अलग पार्टी की मान्यता मिलना आसान नहीं है। इसी बीच बागी विधायकों का गुट अगर राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस संकट का हल चाहता है तो उसे खुद का विलय किसी दल में करना होगा। ऐसे में बागियों की सबसे बड़ी संभावना महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल होने की है।
सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र के सियासी लोकनाट्य में केंद्र सरकार की डफली, तंबूरे वाले कूद पड़े हैं और राज्य के ‘नचनिये’ विधायक उनकी डफली पर नाच रहे हैं। ये सभी ‘नचनिये’ गुवाहाटी के एक पांच सितारा होटल में अपने राज्य द्रोह का प्रदर्शन पूरी दुनिया में कर रहे हैं। मुखपत्र में लिखा गया है कि केंद्र और महाराष्ट्र की बीजेपी ने ही इन नचनियों (बागी विधायकों) को उकसाया है। उनकी नौटंकी का मंच बीजेपी ने ही बनाया और सजाया है। ये अब किसी से भी छिपा नहीं रह गया है।
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