महाराष्ट्र: मातोश्री पहुंचे दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे से की मुलाकात

मुंबई। केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. सोमवार को उन्होंने दिल्ली में बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की. इसके बाद मंगलवार को वे कोलकाता पहुंचे, जहां उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से […]

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महाराष्ट्र: मातोश्री पहुंचे दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे से की मुलाकात

Vaibhav Mishra

  • May 24, 2023 2:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

मुंबई। केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. सोमवार को उन्होंने दिल्ली में बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की. इसके बाद मंगलवार को वे कोलकाता पहुंचे, जहां उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलकात की. इसी कड़ी में आज अरविंद केजरीवाल मुंबई पहुंचे. यहां उन्होंने मातोश्री पहुंचकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की.

लोकतंत्र बचाने हम साथ आए हैं

सीएम केजरीवाल से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. मुझे लगता है कि हमें ‘विपक्षी’ दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि केंद्र को ‘विपक्षी’ कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं.

अरविंद केजरीवाल ने ये कहा

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हमसे वादा किया है कि वे संसद में हमारा समर्थन करेंगे और अगर यह विधेयक (अध्यादेश) संसद में पारित नहीं होता है तो 2024 में मोदी सरकार सत्ता में वापस नहीं आएगी.

केंद्र सरकार लाई है अध्यादेश

गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार अरविंद केजरीवाल सरकार को दिया था. अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जाएगी. इसमें तीन सदस्य- मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव होंगे. यह कमेटी बहुमत के आधार पर कोई भी फैसला लेगी. अगर कमेटी में फैसले को लेकर कोई विवाद पैदा होता है तो अंतिम फैसला उपराज्यपाल करेंगे. अब 6 महीने के अंदर संसद में इससे जुड़ा कानून भी बनाया जाएगा.

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