महाराष्ट्र संकट : MVA सरकार से समर्थन वापस ले सकता है शिंदे गुट

मुंबई, महाराष्ट्र की सियासत में अब शिवसेना के लिए अटकलें और भी बढ़ सकती हैं. खबर सामने आ रही है कि जल्द ही शिंदे गुट असली शिवसेना होने का दावा कर सकता है. जानकारी के अनुसार बागी नेता एकनाथ शिंदे अपने दो तिहाई विधायकों के समर्थन के साथ राज्यपाल से अविश्वास प्रस्ताव की मांग कर […]

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महाराष्ट्र संकट : MVA सरकार से समर्थन वापस ले सकता है शिंदे गुट

Riya Kumari

  • June 27, 2022 4:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई, महाराष्ट्र की सियासत में अब शिवसेना के लिए अटकलें और भी बढ़ सकती हैं. खबर सामने आ रही है कि जल्द ही शिंदे गुट असली शिवसेना होने का दावा कर सकता है. जानकारी के अनुसार बागी नेता एकनाथ शिंदे अपने दो तिहाई विधायकों के समर्थन के साथ राज्यपाल से अविश्वास प्रस्ताव की मांग कर सकते हैं. बता दें, आज अयोग्य प्रस्ताव पर शिंदे गुट को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिली है.

जहां उनके खिलाफ डिप्टी स्पीकर देवरा लाए गए अयोग्य पत्र को 11 जुलाई के लिए खारिज कर दिया गया है. इस पत्र में एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों से पार्टी की मीटिंग में शामिल न होने पर लिखित जवाब माँगा गया था. जिसे आज यानी सोमवार के दिन देना था. लेकिन इस बीच बागी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा दिया और यह प्रस्ताव 11 जुलाई के लिए रोक दिया गया है.

बागी विधायकों को SC से राहत

महाराष्ट्र की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज तक पहुंच चुकी है. जहां सोमवार यानी आज सर्वोच्च न्यायलय की ओर से शिंदे गुट को राहत मिल गई है. एकनाथ शिंदे की बागी विधायकों की ओर से दी गई अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखे और सभी 39 विधायकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्य सरकार ध्यान दें कि उनकी (बागी विधायकों की) संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे. बहरहाल इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।

अयोग्य नोटिस पर रोक

शिवसेना के बागी विधायकों को अब SC ने बड़ी राहत भी दी है. दरअसल डिप्टी स्पीकर के आयोग्य नोटिस पर शीर्ष अदालत ने रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक लगी दी गई है. यानी बागी विधायक फिलहाल अयोग्य नहीं ठहराए जा सकते. बता दें, यह नोटिस पार्टी की बैठक में न मौजूद रहने के लिए लाया गया था. जिसमें एकनाथ शिंदे समेत कुल 16 विधायकों से महज़ दो दिन के अंदर उनकी गैरमौजूदगी पर लिखित जवाब मांगा गया था. हालांकि इससे पहले ही पार्टी के बागी विधायकों ने कोर्ट में इस नोटिस को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर दी।

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