महाराष्ट्र संकट: नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सियासत में हाईवोल्टेज ड्रामा आज भी जारी है। राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात अपने सामान के साथ सरकारी सीएम आवास वर्षा छोड़ दिया। शिवसेना प्रमुख का सामान अब वर्षा से उनके निजी आवास मातोत्री शिफ्ट कर दिया गया है। इस दौरान शिवसेना और अघाड़ी […]
नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सियासत में हाईवोल्टेज ड्रामा आज भी जारी है। राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात अपने सामान के साथ सरकारी सीएम आवास वर्षा छोड़ दिया। शिवसेना प्रमुख का सामान अब वर्षा से उनके निजी आवास मातोत्री शिफ्ट कर दिया गया है। इस दौरान शिवसेना और अघाड़ी गठबंधन के बागी विधायकों का ठिकाना गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पहले होटेल के बाहर पुलिस ने सुरक्षा का जिम्मा लिया था। लेकिन अब खबर सामने आ रही है कि सीआरपीएफ की टुकड़ी भी वहां तैनात कर दी गई है।
शिवसेना बागी विधायकों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल रात इमोशनल कार्ड खेलते हुए फेसबुक लाइव होकर जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कोई भी शिवसेना विधायक मुझसे मुख्यमंत्री पद छोड़ने को कह दे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन पार्टी के साथ कोई धोखा न करे।
बता दें कि उद्धव ठाकरे से शिवसेना विधायकों की बगावत लगातार जारी है। खबर सामने आई है कि चार और विधायक गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल पहुंच गए है। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना के बाग़ी विधायक एकनाथ शिंदे के साथ फिलहाल 42 विधायक असम की राजधानी में मौजूद है।
गौरतलब है कि शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र में चल रही सियासी ड्रामें पर कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं और रहेंगे। फ्लॉर ऑफ द हाउस पर अगर बहुमत साबित करने का मौका मिला तो हम साबित करके दिखाएंगे।
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने असम पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 40 विधायक यहां मौजूद हैं और हम सब बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और उनकी भूमिका को आगे ले जाना चाहते हैं। गौरतलब है कि महाविकास अघाड़ी सरकार में कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के बड़े नेता हैं। उन्हें पार्टी के बाहुबली नेताओं में शुमार किया जाता है। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद जब शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था तब शिवसेना और एनसीपीप विधायकों को एकजुट करने का काम एकनाथ शिंदे ने ही किया था।
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