महाराष्ट्र: मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में अभी भी शिवसेना के दोनों गुटों के बीच तनातनी जारी है। दोनों खेमों में कुछ दिन की शांति के बाद अब फिर एक बड़ी हलचल देखने को मिली है। शिंदे सरकार ने उद्धव गुट को बड़ा झटका देते हुए महाविकास अघाड़ी के 25 नेताओं की सुरक्षा को हटा दिया […]
मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में अभी भी शिवसेना के दोनों गुटों के बीच तनातनी जारी है। दोनों खेमों में कुछ दिन की शांति के बाद अब फिर एक बड़ी हलचल देखने को मिली है। शिंदे सरकार ने उद्धव गुट को बड़ा झटका देते हुए महाविकास अघाड़ी के 25 नेताओं की सुरक्षा को हटा दिया है। महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी ने इस संबंध में शुक्रवार को जानकारी दी है।
बता दें कि बढ़ती सियासी कटुता और वार-पलटवार के बीच शिंदे सरकार ने ठाकरे परिवार की सुरक्षा में कोई बदलाव नहीं किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना(यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे की सुरक्षा को बरकरार रखा गया है। इसके साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, उनकी बेटी और बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले की भी सुरक्षा को बरकरार रखा गया है।
शिंदे सरकार ने जिन नेताओं की सुरक्षा वापस ली है या उनकी सुरक्षा में कटौती की गई है, उनमे एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, पूर्व मंत्री छगन भुजबल, जेल में बंद पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, जेल में बंद राज्यसभा सांसद संजय राउत, अनिल परब, वरूण सरदेसाई, सुनील केदारे, नाना पटोले, बालासाहेब थेराट और नरहरि जिरवाल जैसे नेता शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक जितेंद्र आव्हाड की सुरक्षा को भी बरकरार रखा गया है। इसके साथ ही शिवसेना (यूबीटी) के सचिव और उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी माने जाने वाले मिलिंद नार्वेकर को वाई-प्लस सुरक्षा दी गई है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार और राज्य के पूर्व गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल को वाई-प्लस-एस्कॉर्ट दिया गया है। कांग्रेस के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
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