मुंबई, महाराष्ट्र में जारी सियासी बवाल के बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने बड़ा फैसला लिया है. जहां शिंदे गुट की बगावत के बाद भी सरकार की कैबिनेट बैठक जारी रही. इस बैठक में फैसले लिया गया है कि अब औरंगाबाद का नाम संभाजी होगा. इस फैसले की बड़ी बात यह है कि जो विधायक बागी थे उन्हीं की शिकायत रही है कि सरकार इस मामले में कोई फैसला नहीं ले रही है. अब जब शिवसेना के लगभग दो तिहाई विधायक एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल होकर बगावत करने पर आ गए हैं तो यह फैसला लिया गया है.
सियासी संकट के बीच उद्धव सरकार का यह फैसला आया है. जहां औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव नगर करने का फैसला किया गया है. इतना ही नहीं नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम बदलकर अब डीबी पाटिल इंटरनेशनल एयरपोर्ट किया जाएगा. बता दें, यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट को लेकर शिवसेना की याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया है. इस बीच उद्धव कैबिनेट की मीटिंग हुई जहां इन शहरों के नाम बदल दिए गए. उद्धव ठाकरे के इस फैसले को संकट के समय हिन्दू कार्ड के रूप में देखा जा रहा है.
ठाकरे की कैबिनेट बैठक में कांग्रेस ने पुणे का नाम बदलने की भी मांग भी की गई थी. इस मांग में पुणे का नाम बदलकर जीजाऊ नगर रखने के लिए कहा गया था. बता दें जीजाऊ छत्रपति शिवाजी की मां का नाम जीजाबाई था. बीते 8 जून को औरंगाबाद में शिवसेना की रैली के दौरान सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि शहर का नाम बदला जल्द ही बदला जाएगा. औरंगाबाद के नाम को लेकर राजनीति काफी लंबे समय से चल रही है. उद्धव सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब कि उनकी सरकार संकट में है.
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