जयपुर। श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का सोमवार देर रात हार्ट अटैक से 80 साल की उम्र में निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से जयपुर के SMS अस्पताल में भर्ती थे। जून 2022 में ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। निधन की खबर […]
जयपुर। श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का सोमवार देर रात हार्ट अटैक से 80 साल की उम्र में निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से जयपुर के SMS अस्पताल में भर्ती थे। जून 2022 में ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
कालवी के निधन की खबर मिलते ही राजपूत समाज में शोक की लहर डूब गई है। बड़ी संख्या में लोग नागौर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव कालवी पहुंच रहे हैं। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, आज दोपहर 2:30 बजे कालवी में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
लोकेंद्र सिंह कालवी की करणी सेना ने राजपूत समाज पर आधारित फिल्मों, सीरियल्स का कई बार जमकर विरोध किया था। उनके नेतृत्व में साल 2008 में आशुतोष गोवारिकर की फिल्म जोधा अकबर की रिलीज का पूरे राजस्थान में विरोध-प्रदर्शन हुआ था। इसी तरह एकता कपूर के सीरियल जोधा अकबर का विरोध करते हुए करणी सेना ने जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल में काफी हंगामा किया था। साल 2018 में फिल्म पद्मावत की रिलीज का भी करणी सेना ने काफी विरोध किया था।
भारत में जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था का भी लोकेंद्र सिंह कालवी ने काफी विरोध किया था। साल 2006 में उन्होंने श्री राजपूत करणी सेना की स्थापना की। राजस्थान की सियासत में कालवी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता था। उन्होंने वसुंधरा के पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान सरकार की नीतियों और योजनाओं के खिलाफ कई विरोध-प्रदर्शन किए। जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ बयान देकर उन्होंने नए विवाद को जन्म दिया था।
बता दें कि, लोकेंद्र सिंह कालवी के पिता कल्याण सिंह कालवी की गिनती राजस्थान के बड़े नेताओं में होती थी। वे राज्य और केंद्र में मंत्री रहे थे। वहीं, लोकेंद्र खुद को किसान नेता कहते थे। उन्होंने कई बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। साल 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बाड़मेर-जैसलमेर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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