अतीक को उम्रकैद या फांसी? 17 साल बाद उमेश पाल किडनैपिंग केस में आएगा कोर्ट का फैसला

प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद को आज अपहरण के एक मामले में प्रयागराज की स्पेशल MP-MLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस बीच कोर्ट के बाहर हलचल बढ़ गई है। पूरे अदालत परिसर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया गया। बता दें कि 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण के मामले में आज अतीक […]

Advertisement
अतीक को उम्रकैद या फांसी? 17 साल बाद उमेश पाल किडनैपिंग केस में आएगा कोर्ट का फैसला

Vaibhav Mishra

  • March 28, 2023 11:51 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद को आज अपहरण के एक मामले में प्रयागराज की स्पेशल MP-MLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस बीच कोर्ट के बाहर हलचल बढ़ गई है। पूरे अदालत परिसर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया गया। बता दें कि 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण के मामले में आज अतीक और उसके भाई अशरफ को अदालत सजा सुनाएगी। कानून के जानकारों के मुताबिक, अदालत अतीक को फांसी या उम्रकैद की सजा सुना सकती है।

उम्रकैद होगी या फांसी?

कानून के जानकारों के मुताबिक, यदि यह सिद्ध हो जाता है कि अपराध एक सोची-समझी साज़िश के तहत हुआ है तो अतीक के साथ-साथ अन्य आरोपी भी उस सज़ा के हक़दार होंगे जो सज़ा अतीक के लिए निर्धारित होगी। भारतीय संविधान के IPC की धारा के अनुसार अपहरण के अपराध में आजीवन कारावास के अलावा मृत्युदंड की भी सजा हो सकती है।

364 ए है सबसे बड़ी धारा

हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील अरुण कुमार मिश्रा का कहना है कि उमेश पाल के अपहरण कांड में कई धाराएं लगी हैं, जिसमें से 364 ए धारा को सबसे बड़ा बताया जा रहा है, जिसके चलते अतीक को आजीवन कारावास या फांसी तक की सज़ा भी हो सकती है। इसके अलावा जो अन्य धाराएं लगाई गयी हैं, वह कुछ इस प्रकार है- 34, 120बी, 147, 148, 149, 323, 341, 342, 364, 504, 506 इत्यादि है।

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि, बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह रहे उमेश पाल का कुछ साल पहले अपहरण हुआ था। इस मामले में अतीक अहमद और उसका भी अशरफ अहमद आरोपी है। हालांकि, गवाह उमेश पाल की पिछले महीने उनके घर के सामने हत्या कर दी गई। इस हत्या का आरोप भी अतीक और उसके परिवार पर लगा है। इस हत्याकांड के मामले की सुनवाई से पहले आज उमेश के अपहरण पर अदालत का फैसला आना है। इस दौरान कोर्ट में पेशी के लिए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज लाया गया है।

ये भी पढ़ें-

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद

Advertisement