हिजबुल्लाह को तबाह करने के लिए इजरायल ने ऐसे बनाया प्लान, दंग रह जाएंगे!

नई दिल्ली. लेबनान में हुए पेजर स्ट्राइक ने हिजबुल्लाह को तबाह कर दिया है. पेजर अटैक से अभी वह ठीक से संभला भी नहीं था कि वॉकी-टाकी में विस्फोट हो गया. इसमें 14 हिजबुल्लाह के सदस्य मारे गये हैं. पेजर अटैक में 11 मारे गये थे. अभी तक इजरायल ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है […]

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हिजबुल्लाह को तबाह करने के लिए इजरायल ने ऐसे बनाया प्लान, दंग रह जाएंगे!

Vidya Shanker Tiwari

  • September 19, 2024 8:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली. लेबनान में हुए पेजर स्ट्राइक ने हिजबुल्लाह को तबाह कर दिया है. पेजर अटैक से अभी वह ठीक से संभला भी नहीं था कि वॉकी-टाकी में विस्फोट हो गया. इसमें 14 हिजबुल्लाह के सदस्य मारे गये हैं. पेजर अटैक में 11 मारे गये थे. अभी तक इजरायल ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन दुनिया जानती है कि इजरायल के अलावा और कोई ऐसी घटनाओं को अंजाम नहीं दे सकता.

यूनिट 8200 ने ऑपेरेशन दिया अंजाम
जब से यह घटना हुई है इजरायल की सबसे घातक खुफिया एजेंसी मोसाद चर्चे में है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस ऑपरेशन को मोसाद ने नहीं इजरायल की खुफिया साइबर शाखा यूनिट 8200 ने अंजाम दिया है. इजरायल-गाजा युद्ध के बीच लेबनान में जिस तरह से हिजबुल्लाह पर पहले पेजर और उसके बाद वॉकी-टाकी के जरिए विस्फोट हुआ उससे दुनिया हिली हुई है. इस घटना के बाद न सिर्फ लेबनान, ईरान और मुस्लिम देश परेशान हैं बल्कि पूरी दुनिया हलकान है कि हर हाथ में जो स्मार्ट फोन है वह काल साबित हो सकता है.

मोसाद ने की मदद
हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर इजरायल ने इसे कैसे अंजाम दिया. उसकी खुफिया इकाई मोसाद की चर्चा हो रही है लेकिन खबर आ रही है कि इस विस्फोट को मोसाद ने नहीं बल्कि इजरायल कि खुफिया साइबर शाखा यूनिट 8200 ने अंजाम दिया है. यह मोसाद से अलग काम करती है और इसकी विशेषज्ञता साइबर और गैजेट्स में है. इसमें मोसाद उसकी मदद करती है.

तैयारी में लंबा समय लगा
खबरों के मुताबिक इस ऑपरेशन को अंजाम देने में इजरायल की दोनों एजेंसियों मोसाद और खुफिया साइबर यूनिट 8200 की अलग अलग भूमिका थी. बताया जा रहा है कि हिजबुल्लाह ने डर के मारे पेजर इस्तेमाल कर रहा था. उसे आशंका थी कि मोबाइल में इजरायल विस्फोट करा सकता है.

इसी क्रम में हिजबुल्लाह ने एक ताइवानी कंपनी को पांच हजार पेजर के ऑर्डर दिये. जैसे ही मोसाद को इसकी जानकारी लगी उसने उसमें निर्माण के समय कंपनी में या ट्रांसपोर्टेशन के दौरान बैटरी में पेजर की बैटरी पर विस्फोटक फिट करा दिया. इसकी तैयारी में एक साल से ज्यादा का वक्त लगा.

सीधे पीएम को रिपोर्ट करती है यूनिट 8200
यह जानने की आपकी उत्सुकता बढ़ रही होगी कि यूनिट 8200 का गठन कब हुआ और इसका क्या काम है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि साइबर में इसको विशेषज्ञता हासिल है और मोसाद के साथ तालमेल बैठाकर यह यूनिट काम करती है. इस ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले बाकायदा इसका ट्रायल किया गया था. इजरायली सेना के लोग प्रशिक्षित होकरइस यूनिट में आते हैं और सीधे पीएम को रिपोर्ट करते हैं.

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