मुंबई. देश और दुनिया में अपनी जादुई आवाज का लोहा मनवाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर Lata Mangeshkar अब हमारे बीच नहीं रहीं। लेकिन उनसे जुड़ी तमाम यादें हमेशा उन्हें जीवित रखेंगी। लता जी ने अपने जीवन में ऐसे कई रिश्ते बनाए, जिसे उन्होनें जी-जान से निभाया। शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे से भी […]
मुंबई. देश और दुनिया में अपनी जादुई आवाज का लोहा मनवाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर Lata Mangeshkar अब हमारे बीच नहीं रहीं। लेकिन उनसे जुड़ी तमाम यादें हमेशा उन्हें जीवित रखेंगी। लता जी ने अपने जीवन में ऐसे कई रिश्ते बनाए, जिसे उन्होनें जी-जान से निभाया। शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे से भी उनका बेहद करीबी रिश्ता था, जो हर मुश्किल दौर में लता के साथ रहे।
यूं तो बाला साहब ठाकरे Bal Thackeray फिल्मी दुनिया में कई कलाकारों से स्नेह और घनिष्टता रखते थे। किंतु लता जी के साथ उनका लगाव कुछ ज्यादा था। स्वर कोकिला को बाल ठाकरे अपनी पुत्री की तरह समझते थे। जब बाल ठाकरे का निधन हुआ था तो लता को लगा मानो उनके सिर से पिता का साया दोबारा उठ गया है।
लताजी को बाला साहब ठाकरे बहुत मानते थे। यहां तक कि अपने निधन की जानकारी उन्होंने पहले ही लता को दे दी थी। एक इंटरव्यू के दौरान लता मंगेशकर ने इस किस्से को सुनाते हुए बताया था कि बीमारी के दौरान जब वह बाल ठाकरे से मिलने पहुंची तो उन्होंने कहा था कि ‘ अब मेरा समय आ गया है, मैं कुछ ही दिनों में दुनिया से विदा लेने वाला हूं।
लता मंगेशकर ने बताया था कि, वैसे तो बाल ठाकरे का स्वभाव बेहद मजाकिया था। वह अक्सर लता जी के साथ कोई ना कोई मजाक जरूर किया करते थे। किंतु दोनों की अंतिम मुलाकात बेहद संजीदा रही थी। बाला साहब बेहद थके और गंभीर नजर आ रहे थे। उन्होंने लता से कहा था कि मैं बहुत थक गया हूं और अब मेरे आराम करने का समय आ चुका है, शायद हम अंतिम बार मिल रहे हैं। बाल ठाकरे की ये बातें सुनकर लताजी बेहद भावुक हो गई थीं।
महाराष्ट्र के सबसे कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले बाला साहब ठाकरे ने सदैव लता मंगेशकर को ऊंचा स्थान दिया। वह उन्हें देश के साथ-साथ मराठी समाज का गौरव कहा करते थे। आज लता जी के निधन पर भारत का हर नागरिक उन्हैं श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।