नई दिल्ली : New Delhi वैसे तो लता जी की पहचान हमेशा एक सौम्य स्वभाव वाली भद्र महिला के तौर पर रही है. कई फिल्म निर्माता निर्देशकों, संगीतकार, अभिनेता, अभिनेत्रियों से उनके पारिवारिक सम्बन्ध रहे हैं. इस फेहरिश्त में दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद, अमिताभ बच्चन, यश चोपड़ा, आरडी बर्मन, मुकेश कुमार, किशोर कुमार […]
वैसे तो लता जी की पहचान हमेशा एक सौम्य स्वभाव वाली भद्र महिला के तौर पर रही है. कई फिल्म निर्माता निर्देशकों, संगीतकार, अभिनेता, अभिनेत्रियों से उनके पारिवारिक सम्बन्ध रहे हैं.
इस फेहरिश्त में दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद, अमिताभ बच्चन, यश चोपड़ा, आरडी बर्मन, मुकेश कुमार, किशोर कुमार उनके घनिष्ठतम लोगों में रहे हैं.
लता ने हर किसी को अपने परिवार का हिस्सा माना. लता ने विवादों से हमेशा अपने आपको दूर रखा लेकिन एक बार सचिन देव बर्मन से उनकी कहासुनी हो गई. इसके बाद पांच साल तक
दोनों ने एक साथ काम नहीं किया. इसी तरह मोहम्मद रफी और लता जी गानों की रॉयल्टी को लेकर एकमत नहीं हो पाए. इस दौरान भी दोनों ने कुछ समय तक साथ गाना नहीं गाया.
सी राम चंद्र और ओपी नैय्यर से भी उनका विवाद बताया जाता है. हलांकि इन्होने इसे मनमुटाव ही कहा. और उदाहरण भी दिया कि आमतौर पर काम करने वालों के बीच ऐसा हो जाता है.
साल 1962 में लता मंगेश्कर को जान से मारने की कोशिश की गई. ये महज एक कोशिश बनकर रह गई. अगले दिन सुबह उठते ही लता के पेट में दर्द हुआ. और हालत भी इतनी नाजुक हो गई
कि उन्हें अपनी जगह से हिलने डुलने में भी दिक्कत होने लगी. जांच में पता चला कि लता जी को स्लो प्वॉइजन दिया गया था. हालांकि उन्हें मारने की कोशिश किसने की थी. तमाम पूंछताछ और
जांच के बाद भी इसका खुलासा नहीं हो पाया और न ही लता जी ने भी कभी इसके बारे में खुलकर कोई बात कही. तब से यह बात आजतक रहस्यमय गुत्थी बनी हुई है.