बेंगलुरु : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर विवाद बयान देने के बाद अब कर्नाटक के लेखक और ‘बुद्धिजीवी’ केएस भगवान (KS Bhagwan) का भी विवादित बयान सामने आया है. उन्होंने भगवान राम और सीता को लेकर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं. उन्होंने ‘वाल्मीकि रामायण’ को लेकर दावा किया है कि ‘भगवान राम […]
बेंगलुरु : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर विवाद बयान देने के बाद अब कर्नाटक के लेखक और ‘बुद्धिजीवी’ केएस भगवान (KS Bhagwan) का भी विवादित बयान सामने आया है. उन्होंने भगवान राम और सीता को लेकर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं. उन्होंने ‘वाल्मीकि रामायण’ को लेकर दावा किया है कि ‘भगवान राम हर दोपहर अपनी पत्नी सीता के साथ बैठकर शराब पीते थे. उन्होंने आगे कहा है कि भगवान राम ने बिना परवाह किए अपनी पत्नी को जंगलों में भेज दिया.
(Lord) Rama would sit with Sita in the afternoon & spend the rest of the day drinking…He sent his wife Sita into the forest &didn't bother about her…He chopped off the head of Shambuka, a Shudra, who was sitting in penance under a tree. How can he be ideal?: KS Bhagawan(20.1) pic.twitter.com/3qflAO1vV6
— ANI (@ANI) January 22, 2023
केएस भगवान यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि राम ने एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे शूद्र शंबूक का सिर काटा था. इसपर वह सवाल करते हैं कि आखिर राम कैसे आदर्श हो सकते हैं? राम राज्य बनाने की बात हो रही है लेकिन वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड से पता चलता है कि भगवान राम आदर्श नहीं थे. 11,000 वर्षों तक उन्होंने शासन नहीं किया बल्कि केवल 11 वर्षों तक ही उनका शासन चला.
गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब केएस भगवान का कोई विवादित बयान सामने आया है. इससे पहले दिसंबर 2018 में भी उन्होंने इसी तरह का विवाद खड़ा किया था. उस समय उन्होंने दावा किया था कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम ‘नशा’ करते थे और सीता को भी इसका सेवन करवाते थे. उनकी पुस्तक ‘राम मंदिर येके बेड़ा’ में भी इसी तरह की टिप्पणी की गई थी. उस समय भी उनका काफी विरोध हुआ था. यहां तक की लेखक के घर के बाहर भी कई लोगों ने भगवान राम की पूजा करने की कोशिश की थी.
बता दें, बीते दिनों शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर नालंदा यूनिवर्सिटी में मौजूद हजारों की तादाद में छात्र छात्राओं को संबोधित कर रहे थे. इसी बीच उन्होने कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा, नफरत से नहीं। देश में 6 हजार से अधिक जातियां मौजूद हैं साथ ही जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार भी है. जब तक ये समाज में रहेंगी तब तक भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आगे कहा कि संघ नागपुर से जुड़े लोग समाज में नफरत फैलाते हैं वो लोग समाज में मोहब्बत फैलाने के लिए निकले हुए हैं. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान रामचरितमानस के कई दोहों को पढ़ते हुए कहा कि यह (रामचरितमानस) समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है.
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