जानिये कौन है योगी के मंत्री ‘गोपाल नंदी’… अब 9 साल पुराने मामले में काटेंगे सजा

लखनऊ : योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को बड़ा झटका लगा है. एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में दोषी पाया है. मामले में दोषी पाते हुए अब उन्हें एक साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा उनपर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लग […]

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जानिये कौन है योगी के मंत्री ‘गोपाल नंदी’… अब 9 साल पुराने मामले में काटेंगे सजा

Riya Kumari

  • January 25, 2023 5:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ : योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को बड़ा झटका लगा है. एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में दोषी पाया है. मामले में दोषी पाते हुए अब उन्हें एक साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा उनपर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लग गया है. IPC की धारा 147 और 323 के तहत उन्हें दोषी पाया गया है. ये पहली बार नहीं है जब योगी सरकार के मंत्री विवादों में आए हैं. इससे पहले भी वह अपने नाटकीय कार्यकाल और कैबिनेेट मंत्री बनने के घटनाक्रम को लेकर चर्चा में रहे. ऐसे में ये जानना तो बनता है कि आखिर कौन हैं योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी।

कई बार चर्चा में रहे नंदी

नंदी पिछले कुछ समय से फिल्म डिप्लोमेसी की वजह से सुर्खियों में रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पीएम मोदी पर बनी बायोपिक को प्रयागराज में हजारों लोगों को फ्री में दिखाया था. ‘द कश्मीर फाइल्स ’ को लेकर भी उन्होंने प्रयागराज में शो बढ़वाने से लेकर उस फिल्म से जुड़ी टीम की सीएम योगी से मुलाकात करवाने तक अहम भूमिका निभाई थी.

करोड़ों की राशि की दान

इसके अलावा उन्होंने एक करोड़ से ज्यादा की धनराशि राम मंदिर निर्माण के लिए दान दी थी. इन्हीं सब कारणों की वजह से योगी पार्ट टू सरकार में दूसरी बार अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. इसके अलावा नंदी ने 2007 में बसपा के टिकट पर अपना पहला चुनाव जीता था. वह साल 2017 में भाजपा में शामिल हुए और उसके बाद योगी सरकार में मंत्री बने. तीसरी बार वह कैबिनेट मंत्री बनने में कामयाब हुए.

तंगी में बीता बचपन

नंदी का बचपन तंगी में बीता जहाँ नंदी के पिता सुरेश चंद्र डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे. उनकी मां विमला देवी सिलाई, बुनाई का काम किया करती थी. परिवार की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह बचपन में पटाखा, रंग-गुलाल की दुकान लगाते थे.साल 1992 में उन्होंने मिठाई की दुकान खोली और बाद में ट्रक लिया और घी एवं दवाओं की एजेंसी भी खरीद ली. आर्थिक स्थिति में सुधार आते ही उन्होंने खुद की कंपनी नंदी ग्रुप ऑफ कंपनीज बनाई।

9 साल बाद मिली सजा

दरअसल साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान योगी सरकार के मंत्री नंदी और उनके समर्थकों पर आरोप लगा था कि उनके द्वारा तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह की जनसभा में हमला करवाया गया था. इस दौरान सपा समर्थकों को लेकर जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया गया था. उस समय नंदी कांग्रेस पार्टी में थे. समाजवादी पार्टी ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई थी.इसी मामले में अब पूरे 9 साल बाद नंदी दोषी पाए गए हैं. उन्हें अब पूरे एक साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही उनपर पूरे 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है.

चला जाएगा विधायक पद?

हालांकि सजा मिलने के बाद भी नंदी की विधानसभा की सदस्यता रद्द नहीं होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि सदस्यता रद्द होने के लिए दो या फिर उससे अधिक साल की जेल होना जरूरी है. लेकिन एमपी एमएलए कोर्ट ने नंदी को केवल एक साल की ही सजा सुनाई है तो उन्हें इस डिपार्टमेंट में थोड़ी राहत है. अब तक कोर्ट के इस आदेश पर नंदी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इसके अलावा भाजपा नेता भी चुप्पी साधे बैठे हैं. ऐसे में ये जरूरी नहीं है कि उन्हें विधानसभा की सदस्यता से हटाया जाए हालांकि पार्टी अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकती है.

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