Kashmir Pandits Killing In Valley: जम्मू, कश्मीरी पंडितों के साथ घाटी में हुए अत्याचार (Kashmir Pandits Killing In Valley) की फाइल दोबारा खुल सकती है. जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह संभावना जताते हुए कहा है कि अगर कोई विशेष साक्ष्य और मामला हमारे पास आता है तो हम उसकी जांच जरूर करेंगे. सीमांत इलाकों […]
जम्मू, कश्मीरी पंडितों के साथ घाटी में हुए अत्याचार (Kashmir Pandits Killing In Valley) की फाइल दोबारा खुल सकती है. जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह संभावना जताते हुए कहा है कि अगर कोई विशेष साक्ष्य और मामला हमारे पास आता है तो हम उसकी जांच जरूर करेंगे. सीमांत इलाकों में गश्त के लिए पुलिस मुख्यालय पर मोटरसाइकिल सवार दस्ते को हरी झंडी दिखाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास कोई विशेष सबूत है तो वो निडर होकर हमारे पास आए, हम उसकी जांच जरूर करेंगे.
बता दे कि पुलिस महानिदेशक का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब देशभर में कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स चर्चा का विषय बनी हुई है. फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार (Kashmir Pandits Killing In Valley) की सच्ची कहानी देखकर लोग भावुक हो रहे है और इंसाफ की मांग कर रहे है. इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया से लेकर गांव-गली तक लोग दिलचस्पी दिखा रहे है और भारी संख्या में थियेटर पहुंच कर फिल्म देख रहे है. प्रधानमंत्री मोदी से लेकर विभिन्न राज्यों में शासन कर रहे बीजेपी के मुख्यमंत्री और नेता सभी इस फिल्म को देखने की अपील कर चुके है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शाषित राज्य द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री घोषित कर चुके है. दूसरी तरफ फिल्म के विरोध में कई लोग अपनी बात रख रहे है.
गौरतलब है कि साल 1990 में घाटी में रहने वाले लाखों लोगों को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने विस्थापित होने पर मजबूर कर दिया था. आतंकियों ने सैकड़ों की संख्या में कश्मीरी पंडितों की हत्या की थी. इसी अत्याचार और पलायन की कहानी को फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने फिल्मों में दिखाया है. फिल्म पर बढ़ते विवाद के बीच केंद्र सरकार ने विवेक को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है।