काशी: Varanashi कल के काशी कॉरिडोर उद्घाटन से चुनाव का क्या है कनेक्शन , इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि काशी कॉरिडोर के उद्घाटन मौके पर देश भर में होने वाले प्रचार प्रसार से योगी आदित्यनाथ गायब हो गये हैं। हर जगह सिर्फ पीएम मोदी नजर आ रहे हैं.
साल 2019 में केदारनाथ धाम यात्रा हो या फिर काशी कॉरिडोर पीएम मोदी नहीं चाहते उनकी जो कट्टरवादी हिंदूवादी की छवि बनी हुई है उसमे कोई कमी आए। पीएम मोदी भी समझते है की योगी आदित्यनाथ की जो हिंदूवादी समाज में छवि बनी हुई है उनसे ज्यादा है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन हर मायने में एक लग रूप रेखा तैयार कर रहा है। उद्घाटन से पूर्व 16 नवंबर, 25 नवंबर, 6 दिसंबर, 7 दिसंबर को छपे विज्ञापन में मोदी योगी साथ थे लेकिन ऐसा क्या हुआ की आखिर 13 दिसंबर को होने वाले उद्घाटन के मौके पर सीएम योगी को पोस्टर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया जबकि उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म है।
2022 से ठीक पहले काशी कॉरिडोर का होना और अखिर के पोस्टर से सीएम योगी का चेहरा हटा दिया जाना क्या कही बीजेपी को नुकसान देह साबित हो सकता है जबकि योगी आदित्यनाथ की छवि हिंदू कट्टरपंटियों में सबसे ऊपर है कहीं ऐसा तो नहीं कि मोदी जी नही चाहते कि उनसे ज्याता किसी की हिंदूवादी छवि किसी और की बने।
पीएम मोदी कभी भी अपना फ्रेम साझा नही करते, उद्घाटन से पूर्व या उद्घाट के दौरान या फिर उद्घाटन के बाद हर तरफ सिर्फ पीएम मोदी दिख रहे थे। ये पहली बार नही है कि पीएम मोदी के साथ सभी चेहरे पोस्टर से हटा दिये गये हों।
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