बेंगलुरु। कर्नाटक चुनाव को लेकर पार्टियों का प्रचार- प्रसार आज थम जाएगा। इसके बाद 10 मई को कर्नाटक की 224 सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। वहीं चुनाव के नतीजों की घोषणा 13 मई को की जाएगी। राज्य में एक तरफ जहां बीजेपी फिर से कमल खिलाने को लेकर पूरी तरह आश्वसत है, वहीं […]
बेंगलुरु। कर्नाटक चुनाव को लेकर पार्टियों का प्रचार- प्रसार आज थम जाएगा। इसके बाद 10 मई को कर्नाटक की 224 सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। वहीं चुनाव के नतीजों की घोषणा 13 मई को की जाएगी। राज्य में एक तरफ जहां बीजेपी फिर से कमल खिलाने को लेकर पूरी तरह आश्वसत है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और जेडीएस भी लगातार नजर बनाए हुए है। इसी बीच राहुल और प्रियंका गांधी भी आज कर्नाटक में रोड शो करने वाले हैं।
बता दें, राज्य में कुल 224 सीटों पर मतदान होना है। ऐसे में राज्य में कई वीवीआईपी सीटों का समीकरण काफी ज्यादा दिलचस्प होने वाला है। इस बार के चुनाव में बड़े नेताओं के अलावा उनके परिवार के सदस्य और रिश्तेदार भी चुनाव में खड़े हुए हैं। ऐसे में आइए आपको बताते है कि राज्य की वो वीआईपी सीटों के बारे में जहां चुनाव काफी ज्यादा दिलचस्प होने वाला है।
शिगगांव विधानसभा सीट – कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हावेरी जिले के शिगगांव सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। इसके अलावा उनके विपक्ष में कांग्रेस के उम्मीदवार यासिर अहमद खान पठान चुनाव लड़ रहे है। ऐसे में दोनों के बीच का मुकाबला कैसा होगा ये देखने लायक है। बता दें, 2018 में इस सीट पर बसवराज बोम्मई ने 83 हजार 868 वोट के साथ जीत हासिल की थी।
चित्तपुर एससी विधानसभा सीट – कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे को चित्तपुर एससी सीट से इस बार उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं बीजेपी ने इस सीट से मणिकांता राठौड़ को मैदान में उतारा है। 2018 में इस सीट से प्रियांक खरगे ने 69 हजार 700 वोट के साथ जीत हासिल की थी।
वरुणा विधानसभा सीट – इस विधानसभा सीट को कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया का गढ़ माना जाता है। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनावों में इस सीट को सिद्धारमैया ने अपने बेटे यतींद्र को दे दिया था। लेकिन इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से सिद्धारमैया को वापस खड़ा किया है। वही बीजेपी ने मंत्री वी सोमन्ना को मैदान में उतारा है। 2018 के चुनाव में इस सीट से यतींद्र सिद्धारमैया ने जीत हासिल की थी।
कनकपुरा विधानसभा सीट – राज्य के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की वजह से ये सीट चर्चित है। शिवकुमार इस सीट से सात बार के विधायक रहे है। जिसके चलते कांग्रेस ने इस बार भी शिवकुमार को इस सीट से टिकट दिया है। बता दें, 2018 में इस सीट से कांग्रेस के डीके शिवकुमार 1 लाख 27 हजार 552 वोट हासिल किए थे।