बेंगलुरु। कर्नाटक चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है नेताओं का दलबदल तेज हो रहा है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी इस दलबदल के खेल से ज्यादा परेशान नजर आ रही है। टिकट बंटवारे के बाद भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इस बीच बीजेपी को एक […]
बेंगलुरु। कर्नाटक चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है नेताओं का दलबदल तेज हो रहा है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी इस दलबदल के खेल से ज्यादा परेशान नजर आ रही है। टिकट बंटवारे के बाद भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इस बीच बीजेपी को एक और झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत समुदाय के बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा के करीबी सहयोगी एनआर संतोष ने आज जनता दल (सेक्युलर) का दामन थाम लिया है। बीजेपी नेता एनआर संतोष आज एचडी कुमारस्वामी की मौजूदगी में जेडीएस में शामिल हुए। उनका पार्टी छोड़ना दोबारा सत्ता में आने की कोशिश में लगी बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि एनआर संतोष को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का काफी करीबी माना जाता है। वे येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि एनआर संतोष बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। वे पिछले तीन वर्षों से अरसीकेरे विधानसभा क्षेत्र में काम कर रहे थे और उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाएगी। लेकिन बीजेपी ने जीवी बसवराजू को टिकट दे दिया।
एनआर संतोष ने शुक्रवार रात पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा से मुलाकात की थी। जेडीएस नेता एचडी रेवन्ना की मौजूदगी में ये बैठक 2 घंटे से अधिक वक्त तक चली थी। बताया जा रहा है कि एचडी देवेगौड़ा संतोष को अरसीकेरे विधानसभा सीट से जेडीएस का उम्मीदवार बनाने का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि अरसीकेरे निर्वाचन क्षेत्र हासन जिले में आता है। हासन जिले को जनता दल सेक्युलर का गढ़ माना जाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जेडीएस ने यहां की 7 विधानसभा सीटों में से 6 पर जीत दर्ज की थी।
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