बेंगलुरु: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होते ही कर्नाटक की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) में अंदरूनी कलह मच गई है. बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. वहीं, कई और बड़े नेता जेडीएस से इस्तीफा देने की तैयारी में हैं. अल्पसंख्यक नेताओं ने की बैठक एनडीए गठबंधन में […]
बेंगलुरु: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होते ही कर्नाटक की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) में अंदरूनी कलह मच गई है. बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. वहीं, कई और बड़े नेता जेडीएस से इस्तीफा देने की तैयारी में हैं.
एनडीए गठबंधन में शामिल होने के बाद जेडीएस के अल्पसंख्यक नेताओं ने रविवार को राजधानी बेंगलुरू में बैठक की. इस बैठक में पार्टी नेतृत्व के एनडीए में शामिल होने के फैसल पर अंसतोष जताया गया. बैठक में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एनएम नबी, प्रवक्ता नूर अहमद, नसीर उस्ताद और मोहिद अल्ताफ समेत कई अन्य नेता शामिल हुए. इस बैठक में तय किया गया कि कर्नाटक के हर जिले में अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं की राय जानने के बाद पार्टी छोड़ने या इस्तीफा देने पर फैसला लिया जाएगा.
इससे पहले रविवार को जनता दल (सेक्युलर) के प्रदेश उपाध्याक्ष सैयद शैफुल्ला ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने इस्तीफे देते हुए कहा कि जेडीएस नेतृत्व ने एक ऐसे दल के साथ हाथ मिलाया है जो समुदायों और जातियों के बीच दरार पैदा करता है.
कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने जेडीएस के एनडीए में शामिल होने पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि जनता दल (सेक्युलर) को चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखनी चाहिए और अपनी पार्टी के नाम से सेक्युलर हटा लेना चाहिए. प्रियांक ने कहा कि एक समय जेडीएस अपने आप को धर्मिनिरपेक्ष होने का दावा करती है और ठीक उसी समय वो स्वतंत्र भारत के इतिहास की सबसे ज्यादा सांप्रदायिक पार्टी से हाथ मिला लेती है.
प्रियांक खड़गे ने आगे कहा कि इसमें कोई हैरानी नहीं है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को राज्य नेतृत्व पर भरोसा नहीं रहा है. इससे स्पष्ट है कि अब जनता दल (सेक्युलर) उनकी पहली पसंद है. प्रियंका ने कहा कि राज्य में बीजेपी जेडीएस के लिए अब ‘बी’ टीम की तरह बन गई है.
NDA में शामिल हुई जेडीएस, कांग्रेस बोली- अब पार्टी के नाम से सेक्युलर हटा लेना चाहिए