बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों का प्रचार जोर-शोर से जारी है। बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) सहित तमाम पार्टियों के नेता अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए लगातार रैलियां और रोड शो कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने एक रैली को मुद्दा बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय […]
बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों का प्रचार जोर-शोर से जारी है। बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) सहित तमाम पार्टियों के नेता अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए लगातार रैलियां और रोड शो कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने एक रैली को मुद्दा बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ऊपर भड़काऊ बयान देने और नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने राजधानी बेंगलुरू के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में अमित शाह और भाजपा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार और डॉ. परमेश्वर आज बेंगलुरू के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन पहुंचे। उन्होंने बीजेपी के नेताओं पर भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने और विपक्ष को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ऐसा कैसे कह सकते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो राज्य में साम्प्रदायिक अधिकार होंगे। हमने इसे लेकर भारत के चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर बीजेपी और अमित शाह के ऊपर कर्नाटक की जनता का अपमान करने के आरोप लगाया था। उन्होंने लिखा था कि बीजेपी के नेता हर दिन कर्नाटक का अपमान कर रहे हैं। सुरजेवाला ने लिखा था कि जेपी नड्डा जी का कहना है कि कन्नडिगों को पीएम मोदी के आशीर्वाद की जरूरत है। क्या बीजेपी को कर्नाटक चलाने के लिए एक भी कन्नडिगा नहीं मिला, जो अब इसे मोदी को सौंपने की बात हो रही है।
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।