September 29, 2024
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Joshimath : होटल-घर तोड़ने के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन, उठी मुआवजे की मांग

Joshimath : होटल-घर तोड़ने के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन, उठी मुआवजे की मांग

  • WRITTEN BY: Riya Kumari
  • LAST UPDATED : January 10, 2023, 8:22 pm IST

चमोली : उत्तराखंड के चमोली ज़िले ने इस समय पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा हुआ है. जहां चमोली ज़िले के जोशीमठ में लगातार घरों, होटलों और आशियानों पर पड़ती दरारों ने राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक की नींद हराम कर रखी है. इसी कड़ी में जोशीमठ की होटल मलारी में दरारों को देखते हुए इसे गिराने का फैसला किया गया है. CBRI की टीम ने होटल मलारी का जायजा पूरा कर लिया है अब अब सिस्टेमेटिक तरीके से बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा.

जोशीमठ में प्रदर्शन

इमारत को गिरते समय स्लोप में लोड कम करने को लेकर जोर रहेगा. साइंटिस्ट डॉक्टर सीपी कानूनगो ने मीडिया को बताया कि इस जगह को गिराने का काम बुधवार रात से शुरू हो जाएगा. लेकिन इसी बीच स्थानीय लोगों समेत होटल मालिकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. होटल का स्टाफ सडकों पर बैठकर प्रदर्शन कर रहा है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि होटल तभी गिराने दिया जाएगा जब उन्हें उचित मुआवजा मिल जाएगा. कई महिलाओं ने सड़क को जाम कर दिया है और अपनी मांगों को लेकर अड़ी हुई हैं. गौरतलब है कि प्रशासन कल यानी गुरुवार से जोशीमठ स्थित दो होटलों को गिराना शुरू करेगी.

बिना नोटिस के गिराया जा रहा- मालिक

जानकारी के अनुसार इस होटल को कुछ ही साल पहले साल 2011 में बनाया गया था. होटल मालिक ठाकुर सिंह राणा का कहना है कि होटल बनाते समय जोशीमठ की नगर पालिका से इज़ाज़त ली गई थी. इसके अलावा पूरे 10 सालों में किसी ने भी इस जगह के भूमि आपदा क्षेत्र में होने की जानकारी नहीं दी है. अब इस होटल को बुलडोज़र की मदद से ढहाया जा रहा है. गौरतलब है की होटल में पहले से ही कई दरारे पड़ चुकी हैं. इन्हीं दरारों और संभावित खतरे को देखते हुए इस होटल को अब दहाने का फैसला लिया गया है.

678 मकानों पर हैं ख़तरा

गौरतलबन है कि सोमवार शाम तक जोशीमठ में नौ वार्ड के 678 मकानों की पहचान हुई है. इन सभी घरों में दरारों ने चिंता बढ़ाई हुई है. इसी कड़ी में अब सुरक्षा की नजर से दो होटलों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बंद कर दिया गया है. दावा किया जा रहा है कि सरकार द्वारा 19 जगहों पर 213 कमरे में 1191 लोगों के ठहरने की व्यवस्था बनाकर रखी गई है. हालांकि अब तक केवल 82 परिवार ही विस्थापित किए जा चुके हैं.

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