नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले(Jheeram Valley Naxalite attack) में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाली एक एफआईआर की छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी, जिसमें राज्य कांग्रेस इकाई के नेताओं सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी। […]
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले(Jheeram Valley Naxalite attack) में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाली एक एफआईआर की छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी, जिसमें राज्य कांग्रेस इकाई के नेताओं सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने बेंच से कहा, ”क्षमा करें, हम हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे।
एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बेंच से कहा कि घटना में बड़ी साजिश के पहलू की जांच एनआईए द्वारा की जानी चाहिए क्योंकि मामले की मुख्य एफआईआर की जांच केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जा रही है। बता दें कि उन्होंने कहा कि जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने एनआईए को रिकॉर्ड सौंपने से इनकार कर दिया, तो एजेंसी ने ट्रायल कोर्ट का रुख किया, जिसने याचिका खारिज कर दी। इसी दौरान उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2 मार्च, 2022 को ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका भी खारिज कर दी। और पहले से ही मुख्य मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है, तो उसी घटना से संबंधित एक अलग एफआईआर की जांच दूसरी एजेंसी नहीं कर सकती है।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएनएस नादकर्णी और वकील सुमीर सोढ़ी ने कहा कि राज्य ने शुरू में एनआईए से घटना की बड़ी साजिश के पहलू की जांच करने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। तब राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया कि एक बड़ी साजिश की जांच सीबीआई को सौंपी जाए क्योंकि एनआईए ने मामले की जांच करने से इनकार कर दिया था। केंद्र ने सीबीआई को जांच सौंपने से इनकार कर दिया।
पीठ ने शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार के वकील को भी सुना, जिनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र में थीरम घाटी में नक्सलियों(Jheeram Valley Naxalite attack) ने कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी।
सूचना के मुताबिक, भारी हथियारों से लैस नक्सलियों द्वारा घातक हमला तब हुआ था जब तत्कालीन विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक प्रचार चल रहा था और कांग्रेस नेता बस्तर जिले में परिवर्तन रैली में हिस्सा लेने के बाद लौट रहे थे।