जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार ने एक बड़े फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि आयोग ने कश्मीर से बाहर के लोगों को भी मतदान करने का अधिकार दिया है। जिसमें कर्मचारी, छात्र, मजदूर या देश के दूसरे राज्यों के वो व्यक्ति शामिल होंगे जो आमतौर पर जम्मू-कश्मीर […]
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार ने एक बड़े फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि आयोग ने कश्मीर से बाहर के लोगों को भी मतदान करने का अधिकार दिया है। जिसमें कर्मचारी, छात्र, मजदूर या देश के दूसरे राज्यों के वो व्यक्ति शामिल होंगे जो आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं। वो मतदााता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में वोट कर सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने बुधवार बताया है कि इस बार केंद्र शासित प्रदेश में करीब 25 लाख नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज होने की उम्मीद है। बता दें कि विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया जा रहा है।
हृदेश ने 25 नवंबर तक मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन को पूरा करने के लिए चल रही कवायद को एक चुनौतीपूर्ण कार्य बताते हुए कहा कि इस प्रक्रिया को समय पर पूरा करने का ये व्यापक अभियान इस बात को सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है कि एक अक्टूबर, 2022 या उससे पहले 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले सभी पात्र मतदाताओं का पंजीकरण कर उन्हें ‘त्रुटि-मुक्त’ अंतिम मतदाता सूची में शामिल कर लिया जाए।
जानकारी के मुताबिक निर्वाचन आयोग द्वारा हाल ही में जारी पुनर्निर्धारित समय-सीमा के अनुसार 15 सितंबर को एक एकीकृत मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया जाएगा। वहीं सूची को लेकर दावा और आपत्ति दर्ज कराने की अवधि 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच तय की गई है। इसके बाद 10 नवंबर तक दावों और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा।
हृदेश कुमार ने आगे कहा कि 25 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले 19 नवंबर को मानदंडों की जांच होगी। इसके साथ अंतिम प्रकाशन, डेटाबेस और पूरक की छपाई के लिए आयोग की भी अनुमति प्राप्त की जाएगी। ।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि एक जनवरी, 2019 के बाद पहली बार मतदाता सूची का विशेष सारांश संशोधन हो रहा है। इसीलिए हम मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। जिसकी वजह है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में युवाओं ने 18 या 18 वर्ष से अधिक की आयु प्राप्त कर ली है।
केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इस वक्त 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के करीब 98 लाख लोग हैं। लेकिन अंतिम मतदाता सूची के अनुसार सूचीबद्ध मतदाताओं की कुल संख्या 76 लाख है। कुमार ने बताया कि मतदाता सूची में शामिल होने के लिए किसी भी व्यक्ति के पास जम्मू-कश्मीर का अधिवास प्रमाण पत्र होना आवश्यक नहीं है। उन्होंने कहा कि 600 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं और अब जम्मू-कश्मीर में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 11,370 हो गई है।
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