पुरी: भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा आज, अमित शाह ने की मंगला आरती… ये होगा पूजा का समय

पुरी: यानी 20 जून को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी. ओडिशा के पुरी से निकाली जाने वाली ये रथयात्रा पूरे भारत की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा है. अहमदाबाद के जमालपुर में होने वाली रथयात्रा देश की पहली सब बड़ी रथयात्रा है. मंगलवार यानी आज सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जमालपुर जगन्नाथ मंदिर […]

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पुरी: भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा आज, अमित शाह ने की मंगला आरती… ये होगा पूजा का समय

Riya Kumari

  • June 20, 2023 6:28 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

पुरी: यानी 20 जून को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी. ओडिशा के पुरी से निकाली जाने वाली ये रथयात्रा पूरे भारत की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा है. अहमदाबाद के जमालपुर में होने वाली रथयात्रा देश की पहली सब बड़ी रथयात्रा है. मंगलवार यानी आज सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जमालपुर जगन्नाथ मंदिर में मंगला आरती की.

ऐसे होगी शुरुआत

इस रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ नापने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ पुरी से तकरीबन ढाई से तीन किमी दूर गुंडिचा मंदिर जाएंगे। ये स्थान भगवान की मौसी का घर माना जाता है. इस रथयात्रा में करीब 25 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है जिसे गुंडिचा यात्रा भी कहा जाता है. हालांकि रथयात्रा शुरू होने का समय तय नहीं होता है लेकिन सुबह से ही पूजा और रथयात्रा के सभी जरूरी विधान की शुरुआत हो जाती है. इस लिए पहले सुबह चार बजे से भगवान को जगाया जाता है जिसके बाद उनका श्रृंगार कर आरती और खिचड़ी भोग लगाया जाता है.

नहीं है कोई निर्धारित समय

बहरहाल रथयात्रा से पहले मंदिर के बाहर तीनों रथों की भी पूजा की जा रही है जिसमें भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ बैठेंगे. एक-एक माला भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्ति से उतारकर उनके रथों पर रखी जाएंगी. जगन्नाथ मंदिर के पुजारी पं. श्याम महापात्रा के अनुसार आज 7 बजे तीनों मूर्तियों को मंदिर से बाहर लाया जाएगा जिसके बाद भगवान को रथ पर बैठाकर उनकी पूजा की जाएगी.

सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ

पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती भगवान जगन्नाथ का पहला दर्शन करेंगे जो उन्हें रथ पर बैठाएंगे. इसके बाद रथ के आगे पुरी के राजा दिव्य सिंह देव सोने की झाड़ू से बुहारा लगेंगे और रथयात्रा शुरू की जाएगी. परंपरा के अनुसार रथयात्रा में सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ रहेगा जो 45 फीट ऊंचा और लाल-हरे रंग का है. इस रथ में 14 पहिए लगे होते हैं जिसका नाम तालध्वज है. इसके पीछे 44 फीट ऊंचा लाल और काले रंग का जगन्नाथ भगवान की बहन सुभद्रा का रथ चलेगा जिसमें 12 चक्के लगे होते हैं. इसके बाद 45 फीट ऊंचा पीले रंग का ‘नंदीघोष’ है जो भगवान जगन्नाथ का रथ है. इस रथ में 16 पहिए लगे हुए हैं जिसे सजाने के लिए 1100 मीटर कपड़ा लगता है।

 

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