India Out campaign in Maldives: मालदीव में भारत का विरोध क्यों ?

नई दिल्ली : New Delhi India Out campaign in Maldives , भारत और मालदीव एक दूसरे के करीबी और अच्छे दोस्त हैं. मालदीव के भीतर विपक्ष विरोध कर रहा है. उसका कहना है,कि भारत अपने कानून और नागरिकों का सम्मान नहीं करता है. और उससे मालदीव के संविधान और आंतरिक मामलों पर विश्वास जताना बेमानी […]

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India Out campaign in Maldives: मालदीव में भारत का विरोध क्यों ?

Aanchal Pandey

  • December 23, 2021 10:15 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली : New Delhi

India Out campaign in Maldives , भारत और मालदीव एक दूसरे के करीबी और अच्छे दोस्त हैं. मालदीव के भीतर विपक्ष विरोध कर रहा है. उसका कहना है,कि भारत अपने कानून और नागरिकों का सम्मान नहीं करता है. और उससे मालदीव के संविधान और आंतरिक मामलों पर विश्वास जताना बेमानी होगी. वहां अल्पसंख्यों का शोषण हो रहा है. इसलिये यहां हम अपनी आजादी नहीं खो सकते हैं.
मालदीव में इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई वहां के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन कर रहे हैं. और वो इस बात पर अड़े हैं कि भारत के साथ मालदीव की किसी भी तरह की मौजूदगी खत्म होनी चाहिए. वहीं इसके जवाब में भारत के प्रति बढ़ती कटुता को लेकर मालदीव लगातार सफाई देते नजर आ रहा है.

बीते 19 दिसंबर को मालदीव के विदेश मंत्रालय की ओर से बाकायदा बयान जारी कर कहा गया कि

 

‘मालदीव में भारत के बारे में फैलाए जा रहे झूठ और नफरत को लेकर सरकार चिंतित है. साथ ही विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत मालदीव का द्विपक्षीय साझेदार है. लेकिन कुछ नेता और समूह इसे दुष्प्रचारित करने में जुटे हैं.
वहीं मालदीव के एक सांसद अहमद शियाम ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा

अहमद शियाम ट्वीट

हमें वर्तमान भारत की सरकार से अपने संविधान और घरेलू मामलों को लेकर कभी उम्मीद नहीं करना चाहिए. जब वे अपने नागरिकों और खासकर अल्पसंख्यकों को कानून और उनकी नागरिकता का सम्मान कराने में फेल रहे हैं. तो हम उनके हाथों अपनी आजादी खोना स्वीकार नहीं कर सकते हैं ऐसा माना जा रहा है कि भारत में मुसलमानों को लेकर मालदीव के मुसलमान काफी प्रभावित होते हैं. मालदीव में सुन्नी मुसल्मानों की तादात बहुत ज्यादा है. और सांसद अहमद शियाम इसी बात को भुनाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. कुल मिलाकर राजनीतिक लाभ लेने के लिये इंडिया आउट कैंपेन को बल देने की बात की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक साल 2018 में इस प्रदर्शन की शुरूआत हुई थी. तब मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव से भारत के सैन्य उपकरणों और अधिकारियों को हटाए जाने की मांग करते हुए भारत के दो हेलिकॉप्टरों और एक डॉर्नियर एअरक्रॉफ्ट ले जाने के लिये कहा था. गौरतलब है,कि ये हेलिकॉप्टर मालदीव में राहत बचाव कार्य और खोजी अभियान के लिये भारत ने भेजे थे.

वहीं पीपीएम (यानि प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव) और उससे जुड़े अन्य संगठनों का कहना है. भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़कर चले जाना चाहिए. मालदीव के पूर्व मंत्री लुबना ज़ाहिर ने 6 दिसम्बर को ट्वीट कर कहा मैं भारतीय खानों, वस्तुओं, दवाओं को पसंद करता हूं. लेकिन अपनी सरजमीं पर भारतीय सैनिकों को नहीं. इसके बाद जब 11 दिसम्बर को पीपीएम के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया ‘भारतीय सैनिक फुवाह्मुलाह शहर छोड़कर चलें जाएं’ इसी के बाद से मालदीव में प्रदर्शन और तेज हो गया

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