Ahmedabad Serial Blast अमहदाबाद. Ahmedabad Serial Blast अमहदाबाद में जुलाई 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामलें में स्पेशल कोर्ट ने सभी दोषियों को सज़ा का ऐलान कर दिया है. कोर्ट ने कुल 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई हैं, जबकि 11 दोषियों को आजीवन कारावास का की सजा दी हैं. […]
अमहदाबाद. Ahmedabad Serial Blast अमहदाबाद में जुलाई 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामलें में स्पेशल कोर्ट ने सभी दोषियों को सज़ा का ऐलान कर दिया है. कोर्ट ने कुल 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई हैं, जबकि 11 दोषियों को आजीवन कारावास का की सजा दी हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया है, जिसके तहत –
हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 1 लाख रुपए
गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपए
मामूली रूप से चोटिल लोगों को 25 हजार रुपए का ऐलान किया है.
38 sentenced to death, 11 get life imprisonment in 2008 Ahmedabad serial bomb blast case
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— ANI Digital (@ani_digital) February 18, 2022
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामलें में स्पेशल कोर्ट ने 8 फ़रवरी को इन सभी लोगों को दोषी करार दिया था, साथ ही 28 आरोपियों को कोर्ट ने बरी किया था. इस इस मामलें में पिछले 13 साल से सुनवाई चल रही थी, जिसपर आज जाकर फैसला हुआ है. अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट के जज अंबालाल पटेल ने 6,752 पन्नो के फैसले में इन सभी को दोषी करार दिया हैं. बता दें यह पहली बार है जब एक साथ 49 लोगों को कोर्ट ने आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया है और उन्हें सजा दी हैं
28 जुलाई 2008 को अहमदाबाद के मणिनगर में पहला धमाका हुआ था, जिसके बाद अगले 70 मिनटों में शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुल 2 धमाके हुए थे, जिसमें 56 लोगों की जान गई थी, जबकि 200 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. इन धमाकें इंडियन मुजाहिदीन ने 2002 में गोधरा कांड का बदला लेने के लिए किए थे. आतंकियों ने टिफिन बॉक्स में बम रखकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ये बम धमाके किये थे, साथ ही धमाके के 5 मिनट पहले आतंकियों ने न्यूज एजेंसियों को एक मेल भी किया था जिसमें लिखा था, ‘जो चाहो कर लो. रोक सकते हो तो रोक लो.’
26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में 70 मिनट में 21 बम धमाके हुए.
– धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई, 200 से ज्यादा घायल हुए.
– इस मामले में अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 FIR दर्ज हुई.
– दिसंबर 2009 से सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट ने सभी 35 FIR को एक कर दिया.
– 1,163 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. 6 हजार से ज्यादा सबूत पेश हुए.
– कुल 78 आरोपी थे. एक सरकारी गवाह बन गया. बाद में 77 आरोपियों पर केस चला.
-8 फरवरी 2022 को 49 आरोपी दोषी करार. 28 आरोपी बरी हुए.
– स्पेशल कोर्ट के जज अंबालाल पटेल ने 6,752 पन्नों का फैसला सुनाया.
– 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा और 11 को आजीवन कारावास कैद.