नई दिल्ली: तीन दिन बाद बीबीसी के मुंबई दफ्तर पर आयकर विभाग की छापेमारी ख़त्म हो गई है. बता दें, ये छापेमारी 14 फरवरी की सुबह शुरू हुई थी. जहां इनकम टैक्स विभाग ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पर छापेमारी की थी. अब 55 घंटे बाद ये छापेमारी ख़त्म हो चुकी है. आयकर […]
नई दिल्ली: तीन दिन बाद बीबीसी के मुंबई दफ्तर पर आयकर विभाग की छापेमारी ख़त्म हो गई है. बता दें, ये छापेमारी 14 फरवरी की सुबह शुरू हुई थी. जहां इनकम टैक्स विभाग ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पर छापेमारी की थी. अब 55 घंटे बाद ये छापेमारी ख़त्म हो चुकी है. आयकर विभाग के 6 कर्मचारी मुंबई के कलिना स्थित BBC ऑफिस से निकल चुके हैं. जानकारी के अनुसार आयकर विभाग ने छापेमारी के दौरान बीबीसी के दफ्तर से कई दस्तावेज, पेन ड्राइव और हार्ड ड्राइव जब्त किए हैं. बता दें, बीबीसी के दफ्तरों पर छापेमारी का मामला सुप्रीम कोर्ट जा चुका है. सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने शीर्ष अदालत में यह याचिका दायर की है.
याचिका में प्रेस की स्वतंत्रता का हवाला देकर उचित आदेश जारी करने की मांग की गई है. इसके अलावा इस याचिका में BBC की डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के आदेश को हटाने की भी मांग की गई है. बता दें, सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने यह याचिका दायर की है. यह याचिका वकील रूपेश सिंह भदौरिया और मारीश प्रवीर सहाय के माध्यम से दायर की गई है. बता दें, वकील भदौरिया भारतीय युवा कांग्रेस के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख हैं जिन्होंने ये याचिका दायर की है.
गुरुवार को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक नयी जनहित याचिका दायर की गई है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार एन राम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, वकील प्रशांत भूषण और वकील एम एल शर्मा द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने तीन फरवरी को दो याचिकाओं पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने उस समय केंद्र सरकार को डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के अपने फैसले से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया था. अब अप्रैल में मामले की सुनवाई की जाएगी.
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