नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI के मुखिया इमरान खान के लिए शुक्रवार का दिन बड़ी राहत वाला रहा जहां उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट मामले समेत सभी मामलों में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. हाई कोर्ट ने 17 मई तक इमरान खान की गिरफ्तारी को रोक दिया है. बता दें, शुक्रवार […]
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI के मुखिया इमरान खान के लिए शुक्रवार का दिन बड़ी राहत वाला रहा जहां उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट मामले समेत सभी मामलों में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. हाई कोर्ट ने 17 मई तक इमरान खान की गिरफ्तारी को रोक दिया है. बता दें, शुक्रवार को इमरान खान की जमानत याचिका पर कड़ी सुरक्षा के बीच इस्लामाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अल कादिर केस में 9 मई को हुई इमरान खान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार दिया था और उन्हें हाई कोर्ट जाने के आदेश दिए थे.
Islamabad High Court bars authorities from arresting Imran Khan till May 17 in any new case: Pakistan's Geo News
— ANI (@ANI) May 12, 2023
दूसरी ओर देश में इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर PTI समर्थकों का हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी है. इस हिंसा में पूरा पाकिस्तान जल रहा है जिसे लेकर प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि कैबिनेट ने देश के हालात देखते हुए इमरजेंसी लगाने का प्रस्ताव रखा है. अब पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाई जाती है या नहीं ये तो मीटिंग खत्म होने के बाद ही सामने आएगा.
ऐसे में ये जान लेना भी जरूरी है कि पाकिस्तान का आपातकाल क्या होता है और आखिर ये किन परिस्थितियों में लगाया जाता है. बता दें, आपातकाल मार्शल लॉ से अलग होता है जो पकिस्तान में अक्सर लगा दिया जाता है. मार्शल लॉ सरकार द्वारा घोषित एक ऐसी न्याय व्यवस्था है जिसमें सैन्य बल के क्षेत्र, शासन और नियंत्रण का अधिकार अपने हाथों में ले लेते हैं. ये कानून विशेष परिस्थितियों में लगाया जाता है.
समान्य शब्दों में देश में सेना का शासन. इस दौरान सिविल लॉ ख़त्म हो जाता है. वहीं इमरजेंसी या राष्ट्रीय आपातकाल में राष्ट्रपति युद्ध, बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति के आधार पर सिविल लॉ को ख़ारिज कर दिया जाता है. पाकिस्तान के संबंध में देखें तो इमरजेंसी के दौरान भी सेना के हाथ में अधिक ताकत आ जाती है. यदि इमरजेंसी लगा दी गई तो पाकिस्तान में सेना और उपद्रवियों के बीच सीधा टकराव देखने को मिलेगा.
बता दें, इस्लामाबाद हाई कोर्ट में इमरान खान ने मीडियाकर्मियों को विक्ट्री का साइन दिखाया था. बता दें, इससे पहले इमरान खान को तोशाखाना मामले में ही बड़ी राहत मिली थी जहां इस केस में निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगा दी गई है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद इमरान खान का इस पूरे घटनाक्रम पर पहला बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें हाई कोर्ट से अगवा किया गया था. इमरान खान ने बताया कि उन्हें इस दौरान लाठियों से पीटा गया जैसे सामान्य अपराधी के साथ भी नहीं होगा.
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