लखनऊ: बुधवार को लखनऊ सिविल कोर्ट गोलियों की आवाज़ से दहल गया जहां उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा की कोर्ट परिसर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस दौरान हमलावरों ने वकील के भेष का सहारा लिया और कोर्ट परिसर में पुलिस की कस्टडी […]
लखनऊ: बुधवार को लखनऊ सिविल कोर्ट गोलियों की आवाज़ से दहल गया जहां उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा की कोर्ट परिसर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस दौरान हमलावरों ने वकील के भेष का सहारा लिया और कोर्ट परिसर में पुलिस की कस्टडी में भरी सुरक्षा के बीच संजीव जीवा पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी.
इस हत्याकांड से एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. बता दें, लखनऊ कोर्ट परिसर में हुए गोलीकांड में मारा जाने वाला कुख्यात अपराधी संजीव जीवा गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का करीबी था जिसे मुख्तार के शूटर के तौर पर जाना जाता है. आइए बताते हैं कि आखिर संजीव जीवा का नाम मुख्तार अंसारी के साथ किस तरह जुड़ा था.
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के मुख्तार के साथ जुड़ने की कहानी बड़ी रोचक है. दरअसल साल 1997 में 10 फरवरी को हुई बीजेपी नेता ब्रम्ह दत्त द्विवेदी हत्याकांड में संजीव जीवा का नाम सामने आया था. इस हत्याकांड के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद वह मुन्ना बजरंगी गैंग के साथ जुड़ गया. यहीं से उसकी पहचान मुख्तार अंसारी से हुई जिसकी छत्र छाया में वह जुर्म की दुनिया में और ज़्यादा फला-फूला.
मुख्तार अंसारी का नाम उन गैंगस्टर में शुमार है जिसे नए-नए हथियारों का बहुत शौक था. संजीव जीवा हमेशा अपनी तिकड़म से इन हथियारों को मुख्तार के लिए जुटाया करता था. उसकी इसी खासियत के कारण मुख्तार ने उसे अपना संरक्षण दिया था. इसके बाद कृष्णानंद हत्याकांड में भी संजीव का नाम सामने आया था.
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