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Holika Dahan 2022: आज है होलिका दहन, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Holika Dahan 2022 नई दिल्ली, Holika Dahan 2022  रंगो का तयोहार कहे जानी वाली होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है. होली से पूर्व रात्रि को होलिका दहन करते हैं. इसे असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक मानते हैं. होलिका दहन को लेकर इस माह के शुरुआत से ही तैयारियां शुरू […]

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Holika Dahan 2022: आज है होलिका दहन, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि
  • March 17, 2022 9:09 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Holika Dahan 2022

नई दिल्ली, Holika Dahan 2022  रंगो का तयोहार कहे जानी वाली होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है. होली से पूर्व रात्रि को होलिका दहन करते हैं. इसे असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक मानते हैं. होलिका दहन को लेकर इस माह के शुरुआत से ही तैयारियां शुरू हो गई थी. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के अनन्य भक्त प्रहलाद को उसके पिता हिरण्यकश्यप ने होलिका की गोद में बैठाकर जिंदा जलाने की कोशिश की थी। होलिका दरअसल, प्रहलाद की बुआ थी। बुआ होलिका अपने भतीजे प्रह्लाल को लेकर आग में बैठी लेकिन इस दौरान होलिका खुद ही जल कर खत्म हो गई थी। इसके बाद से होलिका दहन के अगले दिन होली खेलने की परंपरा मानी जाता है।

इस साल होलिका दहन 17 मार्च को मनाया जायेगा। ऐसे में आइए जानते है इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

होलिका दहन सुबह मुहूर्त

होलिका दहन सुबह मुहूर्त 17 मार्च 2022 को 9 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगा. ऐसे में होलिका दहन की पूजा के लिए सिर्फ 1 घंटे 10 मिनट का ही समय ही है.

होलिका दहन की आवश्यक पूजा सामग्री

गाय के गोबर से बनी होलिका
बताशे
रोली
साबुत मूंग
गेंहू की बालियां
साबुत हल्‍दी
फूल
कच्चा सूत
जल का लोटा
गुलाल
मीठे पकवान या फल

होली 2022 की डेट

पंचांग के अनुसार होली 19 मार्च को मनायी जानी चाहिए। लेकिन होली को लेकर यह परम्परा है कि इसे होलिका दहन या छोटी होली के अगले दिन मनाया जाता है. ऐसे में कुछ जगहों पर होली 18 तारीख को मनायी जाएगी।

होलिका दहन पूजा विधि

1- शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजा करे. होलिका को जलाएं और उसकी तीन परिक्रमा करें. होलिका का दहन करते समय भगवान नरसिंह का ध्यान करते हुए पाचों अनाज को अग्नि में अर्पित कर दें.
2- परिक्रमा करते हुए अर्घ्य दें, 3 या 7 बार परिक्रमा करते हुए होलिका पर कच्चा सूत लपेटें.
3- फिर गोबर के बड़कुले, चने की बालों, जौ और गेहूं होलिका में डालें.
4- इसके बाद गुलाल डालें और जल भी चढ़ाएं.
5- होलिका जलने के बाद उसकी भस्म को अपने घर ले जाएं और उसे पूजा वाले स्थान पर रख दें. ऐसा करने से घर पर सुख-  समृद्धि का वास रहेगा। साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. इनख़बर इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

 

 

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