शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं. राज्यसभा चुनाव में मंगलवार को 6 कांग्रेसी विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सुक्खू सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा है […]
शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं. राज्यसभा चुनाव में मंगलवार को 6 कांग्रेसी विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सुक्खू सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा है कि उनका अपमान किया गया है.
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमादित्य ने कहा है, मैंने साफ तौर पर कहा है कि मैंने पार्टी आलाकमान को वास्तविक स्थिति से अवगत करा दिया है. अब गेंद पार्टी आलाकमान के पाले में है, उन्होंने यह तय करने के लिए कि भविष्य की कार्रवाई क्या होगी. लेकिन मुझे जो कहना था मैं वह बहुत स्पष्टता से कह चुका हूं. आने वाले वक्त में जो भी होना होगा वह किया जाएगा. मैं पार्टी आलाकमान के साथ उचित चर्चा और विचार-विमर्श कर रहा हूं.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 35 है. 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 40 और भारतीय जनता पार्टी को 25 सीटें मिली थीं. वहीं, 3 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी. अब 6 कांग्रेसी विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को जीत मिली है. अगर 6 विधायक पाला बदल लेते हैं तो सुक्खू सरकार के पास 34 सीटें हीं बचेंगी, यानी बहुमत से एक सीट कम. ऐसे में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार गिर सकती है.