नई दिल्ली: मणिपुर के वायरल वीडियो मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल दो पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश हुए और उनका पक्ष रखा. दूसरी ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले पर सरकार का पक्ष रखा. सुनवाई के बीच चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि […]
नई दिल्ली: मणिपुर के वायरल वीडियो मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल दो पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश हुए और उनका पक्ष रखा. दूसरी ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले पर सरकार का पक्ष रखा. सुनवाई के बीच चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मणिपुर का जो वीडियो सामने आया है, वह एकमात्र घटना नहीं है. अन्य महिलाएं भी हैं जिनके साथ मारपीट या उत्पीड़न किया गया. उन्होंने कहा कि तंत्र को ऐसे सभी मामलों का ध्यान रखना चाहिए.
पीड़ित महिलाओं की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनमें से एक के पिता और भाई की हत्या कर दी गई. अभी तक उनका शव नहीं मिला है. 18 मई को यह शर्मनाक घटना हुई और एक भी एफआईआर नहीं दर्ज हुई. जब कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया तब कुछ हुआ. उन्होंने कहा कि फिर हम कैसे तंत्र पर भरोसा करें? सिब्बल ने कहा कि इसलिए हम एक ऐसी एजेंसी चाहते हैं कि जो बिना किसी दबाव में स्वतंत्र रूप से मामले की जांच कर सके.
मामले में सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर इस केस में सुप्रीम कोर्ट निगरानी करेगा तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने इस मामले को कभी भी असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया है. हमने कहा है कि इस मामले को मणिपुर के बाहर स्थानांतरित किया जाए, हमने असम नहीं कहा है. बता दें कि पीड़िताओं की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि महिलाएं इस मामले की सीबीआई जांच और इसे असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं.