Hariyali Teej 2023: जानिए सावन मास के इस पावन दिवस का महत्व और मान्यता

नई दिल्ली। हर वर्ष हरियाली तीज (Hariyali teej 2023) के पावन और शुभ दिवस को सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. यह दिन महिलाओं के लिए बहुत महतवपूर्ण होता है, क्योकि इस दिन सुखी दांपत्य जीवन और पति की लम्बी आयु के लिए औरतें उपवास रखती हैं. माना जाता है […]

Advertisement
Hariyali Teej 2023: जानिए सावन मास के इस पावन दिवस का महत्व और मान्यता

Vaibhav Mishra

  • July 15, 2023 10:56 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। हर वर्ष हरियाली तीज (Hariyali teej 2023) के पावन और शुभ दिवस को सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. यह दिन महिलाओं के लिए बहुत महतवपूर्ण होता है, क्योकि इस दिन सुखी दांपत्य जीवन और पति की लम्बी आयु के लिए औरतें उपवास रखती हैं. माना जाता है की इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. हरियाली तीज को हरतालिका तीज और तीज के नाम से भी जाना जाता है. श्रावण में आने वाले इस दिन का भारतीयों को बहुत बेसब्री से इंतज़ार होता है. हरियाली तीज एक हिन्दू लोक प्रिय त्योहार है जो की हर वर्ष अंदाज़न (जुलाई – अगस्त ) महीने में पड़ता है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश राज्यों में इस पर्व को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है.

आइए जानते हैं इस वर्ष हरियाली तीज किस दिन आ रही है…

इस वर्ष श्रावण मास का आरंभ 4 जुलाई 2023 को हुआ था और वहीं इसका सम्मपन 31 अगस्त 2023 को होगा यानी की इस साल सावन 2 महीने के लिए होगा. वहीं श्रावण मास की हरियाली तीज हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 19 जुलाई 2023 को मनाई जाएगी. बताया जा रहा कि हरियाली तीज 18 जुलाई 2023 रात 8:02 से लेकर अगले दिन 19 जुलाई 2023 रात 10:19 बजे तक मनाई जाएगी. भारत में हरियाली तीज ज्यादातर लोग 19 जुलाई 2023 को मांएगे, इसी दिन सभी पूजा, अर्चना और व्रत किये जाएंगे.

हरियाली तीज का महत्व

मान्यता है की इस दिन माता पार्वती को अपनी तपस्या के फल स्वरुप भगवान शिव अपने पति के रूप में प्राप्त हुए थे. इसी कारण वर्श सुहागन महिलाएं हरियाली तीज के दिन अपनी पति की दीर्घ आयु और दाम्पत्य जीवन के लिए व्रत एवं पूजा पाठ करती हैं. इस त्योहार की महिलाओं में अलग ही उत्सुक्ता होती है. तीज के दिन हरे रंग के वस्र पहनने का महत्व बताया जाता है. औरतें हरियाली तीज के दिन हाथों में मेहंदी लगाती है, हरी चूड़ियां, और बाकी का सोहला श्रृंगार करके भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं. लड़कियां और सुहागन महिलाएं बगीचों में हरी पतियों और फूलों से सजे झूले पर झूला लेती हैं और श्रावण मास का लुफत उठाते हुए पारम्परिक लोक गीत गाती हैं.

Advertisement