उत्तराखंड Uttarakhand के हरिद्वार में हाल ही में आयोजित धर्म संसद में की गई विवादित टिप्पणी की जांच अब विशेष जांच दल (SIT) करेगी। इस मामले में डीआईजी गढ़वाल ने एसपी स्तर के एक अफसर को नेतृत्व सौंपते हुए पांच सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है। वहीं राज्य के डीजीपी के आदेश के बाद […]
उत्तराखंड Uttarakhand के हरिद्वार में हाल ही में आयोजित धर्म संसद में की गई विवादित टिप्पणी की जांच अब विशेष जांच दल (SIT) करेगी। इस मामले में डीआईजी गढ़वाल ने एसपी स्तर के एक अफसर को नेतृत्व सौंपते हुए पांच सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है। वहीं राज्य के डीजीपी के आदेश के बाद संत यति नरसिम्हानंद और संत धर्मराज सिंधु के खिलाफ भी प्रार्थमिकी FIR दर्ज कराई गई है।
गौरतलब है कि हरिद्वार के खड़खड़ स्थित वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर 2021 तक एक धर्मसंसद का आयोजन किया गया था। आरोप है इस कार्यक्रम में कुछ लोगों ने एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ ‘हेट स्पीच’ दी थी। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इस मामले में ज्वालापुर निवासी गुलबहार कुरैशी ने धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाते हुए यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी व अन्यों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में शनिवार को डासना मंदिर के पुजारी यती नरसिम्हानंद और सिंधु सागर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने इस मामले में दोनों संतों के नाम अपनी एफआईआर में बढ़ा दिए हैं। प्राथमिकी में दो नए नाम जोड़े जाने के साथ ही अब तक इस मामले में पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पांचो आरोपियों में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी, साध्वी अन्नपूर्णा, धर्मदास, यती नरसिम्हानंद और सिंधु सागर शामिल हैं।