Happy Birthday Javed Akhtar, आज पूरा देश फिल्मी जगत में लेखन को नया आयाम देने वाले और गजलों के शहंशाह को उनके खास दिन पर जन्मदिन मुबारक जावेद अख़्तर Javed Akhtar कह रहे हैं। जी हैं हम बात कर रहे हैं, शोले जैसे मशहूर और गोल्डन जुबली फिल्म के लेखक की जिन्हे उनकी काबिलियत और हुनर के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कार भी मिल चुका है
साल 1964 में 4 अक्टूबर को जावेद अख़्तर Javed Akhtar ने मुंबई का रुख किया, मुंबई पहुंचे जावेद के पास खाने के लिए पैसे और सिर छुपाने के लिए छत भी नहीं थी। कई दिनों तक और कई रातों तक खुले आसमां के नीचे भूखे सोने वाले जावेद की क़िस्मत में कमाल अमरोही का साथ लिखा था। एक दिन कमाल अमरोही ने अपने स्टूडियो में सिर छुपाने के लिए जगह दी और काम दिया। यही से उनकी ज़िंदगी की करवट बदल गई।
मशहूर लेखक जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ । उनके पिता निसार अख्तर जो मशहूर कवि थे, और मां नाम साफिया अख्तर जो उर्दू लेखिका और भी शिक्षिका थीं ।
जावेद अख्तर जब छोटे थे, तब उनकी मां का इंतकाल हो गया । जब मां का साया हटा तब उनकी उम्र बेहद कम थी, पिता ने समय के साथ दूसरी शादी कर ली, कुछ समय अपनी सौतेली मां के साथ घर पर रहने के बाद जावेद अख़्तर की ज़िंदगी ने फिर करवट बदली और आने वाला वक्त उनके दोस्तों के भरोसे हो गया । उन्होंने भोपाल में रह कर अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की।
साल 1964 में जावेद Javed को वक्त बदलते ही अपनी ज़िंदगी की नई शुरुआत करने का मौका मिला, उनकी पहली फिल्म ” सरहदी लुटेरा ” थी, जिसमे मशहूर लेखक सलीम खान ने एक छोटा सा किरदार भी निभाया था।
इस फिल्म के बाद दोनो की जोड़ी ने कमल दर कमाल किया और पटकथा को नया आयाम दिया। उनकी लिखी फिल्में और उनके डायलॉग आज भी लोगों की ज़ुबां पर हैं। दोनो की जोड़ी ने शोले, हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, दीवार,यादों की बरात जैसी फिल्में लिखीं जो सिर्फ हिट ही नहीं ब्लॉकबस्टर फिल्में साबित हुई। दोनो ने करीब 24 फिल्में साथ लिखी जिसमे से 20 आज भी गोल्डन जुबली मना रहीं हैं।
फिल्मी दुनिया के मशहूर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर Javed Akhtar का आज जन्मदिन है, जावेद को अपने काबिलियत और हुनर की बदौलत बहुत सारे अवार्ड मिले, साल 1987 में आई ” मिस्टर इण्डिया ” के बाद सलीम-जावेद अलग हो गए,
उसके बाद जावेद अख्तर Javed Akhtar को महत्वपूर्ण योगदान के लिए 5 बार नेशनल अवार्ड, 8 बार फिल्मफेयर अवार्ड, और साल 1999 में पदमश्री और 2007 में पद्मभूषण अवॉर्ड मिल चुका हैं।
जावेद अख़्तर की पहली पत्नी हनी ईरानी थी, जिनसे 2 बच्चों को पिता हों का सौभाग्य मिला जो आज ना केवल सफ़ल निर्माता है बल्कि निर्देशन में भी अपना मुकाम रखते हैं, उनके बच्चे फरहान अख़्तर और जिया अख़्तर हैं। उसके बाद उन्होंने शबाना आज़मी से शादी की जी खुद एक सफल अभिनेत्री हैं।
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