नई दिल्ली: आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में आज इलाहबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अनुमति दी गई थी. हाईकोर्ट के कार्बन डेटिंग करने के आदेश पर मुस्लिम पक्ष के हुजैफा अहमदी […]
नई दिल्ली: आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में आज इलाहबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अनुमति दी गई थी. हाईकोर्ट के कार्बन डेटिंग करने के आदेश पर मुस्लिम पक्ष के हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अगली सुनवाई तक इस फैसले पर रोक लगा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को लेकर कहा गया कि हाई कोर्ट के आदेश के निहितार्थ के बाद से कथित शिवलिंग योग्यता की कार्बन डेटिंग की बारीकी से जांच की अनुमति दी गई है. इसलिए हाईकोर्ट के इस आदेश से संबंधित निर्देशों का कार्यान्वयन अगली तारीख तक रोक दिया गया है. मुस्लिम पक्ष के हुजैफा अहमदी ने ज्ञानवापी मामले में शीर्ष अदालत से कहा कि उच्च न्यायालय के कार्बन डेटिंग के आदेश के खिलाफ यहां आए हैं. 22 तारिख को कार्बन डेटिंग शुरू हो सकती थी इसलिए इस फैसले पर रोक लगाना जरूरी है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसपर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या आप निर्देश लेना चाहते हैं? इसपर तुषार मेहता ने कहा कि यदि सर्वे के दौरान स्ट्रक्चर को कुछ नुकसान हो सकता है तो बेहतर होगा कि आपकी लॉर्डशिप इस पर फैसला सुनाए. उन्होने कहा कि ये देखा जाएगा कि क्या इसके लिए कोई और तकनीक है. इस दौरान मस्जिद समिति के वकील ने तुषार मेहता की तारीफ करते हुए कहा कि वो इस स्थिति को वाकई समझ रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि हमें हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने का पूरा मौका भी नहीं दिया गया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमें इस मामले में बेहद सावधानी के साथ डील करनी होगी.
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