वाराणसी: ज्ञानवापी केस में जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी में पूजा करने का अधिकार दे दिया है. बता दें कि हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार यहां पूजा पाठ करता था. लेकिन फिर मुलायम सिंह यादव […]
वाराणसी: ज्ञानवापी केस में जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी में पूजा करने का अधिकार दे दिया है. बता दें कि हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार यहां पूजा पाठ करता था. लेकिन फिर मुलायम सिंह यादव की सरकार ने इसे बंद करा दिया था. अब हिंदू पक्ष फिर से यहां पूजा करने का अधिकार मांग रहा था.
शैलेंद्र व्यास ने 25 सितंबर 2023 को वाराणसी कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने व्यास जी तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार मांगा था. इसके करीब 4 महीने बाद आज वाराणसी कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. मालूम हो कि ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में साल 1993 से पहले सोमनाथ व्यास पूजा पाठ करते थे. 2020 में सोमनाथ व्यास का निधन हो गया. इसके बाद उनकी बेटी उषा रानी के बेटे शैलेंद्र व्यास ने अदालत में याचिका दाखिल करके पूजा करने अधिकार मांगा.
गौरतलब है कि जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मंगलवार को इस केस में बहस पूरी कर ली थी. इस दौरान अंजुमन इंतजामिया के वकील मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने कहा था कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है और यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. इसलिए यहां पर पूजा-पाठ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
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