लखनऊ। वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों को एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। वहीं इस सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए बड़ी जानकारी दी है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई रिपोर्ट […]
लखनऊ। वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों को एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। वहीं इस सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए बड़ी जानकारी दी है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर था और ये ASI का निर्णायक निष्कर्ष है।
इसके साथ ही एएसआई रिपोर्ट के मुताबिक, इस सर्वे में कलाकृतियों शिलालेखों, वास्तुशिल्प अवशेषों, कला तथा मूर्तियों का अध्ययन किया गया। जिससे साफ पता चल रहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां पर एक हिंदू मंदिर मौजूद था। विष्णु जैन ने बताया कि एएसआई की 839 पन्नों वाली सर्वे रिपोर्ट की कॉपी गुरुवार की देर शाम कोर्ट द्वारा संबंधित पक्षों को दी गई।
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई ने माना कि एक पुराना ढांचा है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि ASI कह रहा है कि मस्जिद से पहले ये एक बड़ा हिंदू मंदिर था।उन्होंने बताया कि इसके अंदर कुआं भी मिला है, ASI कह रहा है पश्चिमी दीवार एक हिंदू मंदिर का हिस्सा है। इसके साथ ही विष्णु शंकर जैन ने बताया कि जो खंबे लगे हुए हैं, जो प्लास्टर को थोड़ा सुधार करके दोबारा उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले यह हिंदू मंदिर के पार्ट थे, खंबों को तोड़ा है जिसमें कमल के निशान हैं इसे तोड़ा गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 32 ऐसी जगह हैं, जिसमें हिन्दू मंदिर होने का सबूत है।
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे में जनार्दन, रुद्रा और उमेश्वर तीन नाम मिले हैं, सर्वे के दौरान एक पत्थर भी मिला है। पहले मंदिर के जो खम्भे हैं, उसका इस्तेमाल तहखाने में किया गया है। तहखाने में हिन्दू देवी-देवताओं की भी मूर्ति मिली हैं। इसके साथ ही हिंदी पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वजूखाने के ASI सर्वे की हमारी मांग रहेगी और इसको लेकर हम अदालत में जाएंगे।
इससे पहले ज्ञानवापी परिसर( Gyanvapi case) में वजूखाने की साफ-सफाई की गई। मंगलवार (16 जनवरी, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए हिंदू पक्ष की याचिका पर मंजूरी दे दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदू पक्ष की मांग पर ये आदेश दिया और कहा कि वहां पर साफ-सफाई का काम जिलाधिकारी (डीएम) की देखरेख में किया जाए।