गुजरात: गांधीनगर। गुजरात एटीएस की टीम एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर आज सुबह अहमदाबाद पहुंची। बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ मामले में करवाई को आगे बढ़ाने की बात कही थी. इसी संबंध में गुजरात की ATS टीम ने तीस्ता को शनिवार को हिरासत में ले लिया है। गुजरात एटीएस की टीम […]
गांधीनगर। गुजरात एटीएस की टीम एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर आज सुबह अहमदाबाद पहुंची। बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ मामले में करवाई को आगे बढ़ाने की बात कही थी. इसी संबंध में गुजरात की ATS टीम ने तीस्ता को शनिवार को हिरासत में ले लिया है।
गुजरात एटीएस की टीम आज तड़के सुबह हिरासत में ली गई तीस्ता सीतलवाड़ के साथ अपराध शाखा, अहमदाबाद पहुंची। उन्हें कल 25 जून को उनके एनजीओ पर एक मामले को लेकर हिरासत में लिया गया था। pic.twitter.com/ZZqAoCBjuF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2022
साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगा देश के इतिहास में एक काला धब्बा है। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे। उनपर कई आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने मुसलमानों का कत्ल ए आम होने दिया। यह मामला गुलबर्गा सोसाइटी में हिंसा के शिकार अहसान जाफरी की अर्जी पर अदालत भी पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी का गठन हुआ। एसआईटी की जांच में पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी गई। हालांकि वादियों को इस जांच से लगा कि जांच निष्पक्ष नहीं हुई है।
इस बीच एक और नाम चर्चा में है और वो है तीस्ता सीतलवाड़। सीतलवाड़ के बारे में भाजपा बहुत पहले से आरोप लगाती आई है कि वह निहित स्वार्थ और कांग्रेस के इशारे पर काम करती रही हैं। बता दें कि सीतलवाड़ की भूमिका पर ही सर्वोच्च न्यायलय ने सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की थी। इस विषय पर तीस्ता सीतलवाड़ को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी फटकारा था। उन्होने कहा कि यह बात सच है कि उनकी एनजीओ को 2009 के आसपास केंद्र सरकार की तरफ से मदद मिलती रही।
ANI को दिए इंटरव्यूत में अमित शाह ने तीस्ता सीतलवाड़ का नाम लिया था। उसे समय से तीस्ता को लेकर चहल पहल शुरू हो गई थी। जहां गृह मंत्री शाह ने गुजरात दंगों पर हुई सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का ज़िक्र करते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी। NGO ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं है। सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ के NGO का इन सब में हाथ था।
गुजरात दंगों के समय साल 2002 की आई UPA की सरकार ने NGO की बहुत मदद की है, गुजरात में हमारी सरकार थी, लेकिन यूपीए की सरकार ने ही NGO की स्थापना थी। यह बात सब जानते हैं कि ये केवल मोदी जी की छवि खराब करने के लिए किया गया था।
अपनी इस बातचीत में गृह मंत्री शाह ने गुजरात दंगों पर एक नामी मैगजीन के स्टिंग ऑपरेशन का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा, ‘कोर्ट द्वारा स्टिंग ऑपरेशन को खारिज कर दिया गया था। क्योंकि इसके आगे-पीछे का जब फुटेज आया तब पता चला कि ये स्टिंग राजनीतिक उद्देश्य से किया गया था। बता दें, इस स्टिंग ऑपरेशंस के आधार पर दावा किया गया था कि गुजरात में दंगाइयों को पुलिस और सीएम नरेंद्र मोदी का समर्थन था।
India Presidential Election: जानिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी ये 5 जरुरी बातें